- पिछले वर्ष की तुलना में संक्रमितों को ऑक्सीजन लेवल कम की समस्या अधिक

- 300 बेड में एडमिट होने वाले मरीजों में सांस संबंधी परेशानी के सबसे अधिक पेशेंट्स

- पिछले एक माह में .75 से 3.8 पहंची संक्रमण दर

अंकित चौहान, बरेली : पिछले साल मार्च में शहर में कोरोना का पहला केस आया था। तब रोजाना औसतन केस 10 से 20 मिल रहे थे। पिछले साल अप्रैल में महज 6 एक्टिव केस थे लेकिन इस वर्ष 1642 एक्टिव केस है वहीं लगातार कोरोना के केसेस में बढ़ोत्तरी हो रही है। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि कही न कहीं कोरोना का यह दोबारा बहरुपिया बनकर पलट कर आना जानलेवा साबित हो रहा है। इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं।

पिछले माह की तुलना में तीन गुना बढ़ी संक्रमण दर

जिले में जो लोग कोरोना से बचाव का मखौल उड़ा रहे हैं उनके लिए यह जानना बेहद आवश्यक है कि पिछले माह जहां संक्रमण दर .76 थी वह इस माह की शुरूआत में ही तीन गुना बढ़ गई है, वेडनसडे की बात करें तो संक्रमण दर 3.9 पर पहुंच गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बरेलियंस कोरोना से किस प्रकार अपना बचाव कर रहे हैं।

बहरूपिया है बहुत खतरनाक

कोरोना से दोबारा से तेजी से पलटवार किया है, लेकिन यह कोरोना का बदला हुआ स्वरुप है। आईसीएमआर यानि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार यह डबल म्यूटेंट वायरस है जो कि व्यक्ति के लंग्स को सबसे पहले इंफेक्ट करता है और बॉडी के ऑक्सीजन लेवल का सामान्य से काफी कम कर देता है समय पर इलाज न मिलने पर संक्रमित मरीज की मौत भी हो सकती है।

एक सप्ताह में ऐसे बढ़ी संक्रमण की दर

डे - संक्रमण दर

9 अप्रैल - 3.4

10 अप्रैल - 3.5

11 अप्रैल - 3.6

12 अप्रैल - 3.7

13 अप्रैल - 3.8

जिले में कागजों 445 कंटेनमेंट जोन

हैरत की बात तो यह है कि शासन ने पिछले सप्ताह ही संक्रमित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन बनाने का आदेश जारी किया है हालंाकि सर्विलांस टीम ने संक्रमित केसेस के आधार पर 445 कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए प्रशासन को डाटा भेज दिया है लेकिन शहर में एक भी क्षेत्र में जोन संबंधी गतिविधि नजर नहीं आ रही है।

उखड़ रही सांसे कहीं निगल न ले जान

केस 1

शहर के संजय नगर निवासी एक बुजुर्ग ने 300 बेड हॉस्पिटल में अपनी जांच कराई, रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो 300 बेड हॉस्पिटल में भी उन्हें आईसोलेट किया गया। उनकी जांच की गई तो बॉडी का ऑक्सीजन लेवल महज 70 था बाद में उन्हें आईसीयू में एडमिट किया गया। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

केस 2.

शहर के सिविल लाइंस निवासी 55 वर्षीय बुजुर्ग ने प्राइवेट लैब में 11 मार्च को कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा था रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह 300 बेड हॉस्पिटल में एडमिट हुए। जांच में उनकी बॉडी का ऑक्सीजन लेवल महज 77 से 80 आ रहा था, सांस लेने में काफी तकलीफ थी इस उन्हें भी कोविड एल टू में बने आईसीयू में फौरन वेंटिलेटर पर रखा गया।

फैक्ट फाइल

- 3700 के करीब हो रही जिले में कोरोना जांच

- 60 पेशेंट्स एडमिट है 300 बेड हॉस्पिटल में

- 14 गंभीर संक्रमित पेशेंट्स एडमिट है कोविड एल टू में

- 300 के पार पहुंचा संक्रमित केसेस का आंकड़ा

वर्जन

कोरोना का सेकेंड स्ट्रेन काफी खतरनाक है। यह संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों पर असर डालता है। इसके लक्षण भी पिछले साल के स्ट्रेन से काफी अलग हैं इसलिए शहरवासियों से अपील है कि कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करें।

डॉ। रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी।