- सैंपल्स की रिपोर्ट आने में हो रही देरी, लैब ने भी जताई आपत्ति

- डेली 30 से 40 रिपोर्ट हो रही पें¨डग, मरीज भी परेशान

बरेली : कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए मंडल में आईवीआरआई लैब की सुविधा है, लेकिन यहां कैपेसिटी से अधिक सैंपल्स भेजे जाने के कारण निर्धारित समय सीमा में सैंपल्स की रिपोर्ट नहीं आ पा रही है, जिससे हेल्थ अफसरों के साथ ही कोरोना के सस्पेक्ट्स पेशेंट्स को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकारी तंत्र इस व्यवस्था को दुरुस्त करने की बजाए चुप्पी साधे हुए हैं।

पहले यह थी व्यवस्था

करीब दो माह पहले जिस प्रकार कोरोना ने भयावह रूप लिया। इस दौरान लखनऊ के केजीएमयू लैब ही जांच को सैंपल भेजे जाते थे, लेकिन लैब से स्वास्थ्य विभाग को कड़े निर्देश थे कि एक दिन में महज 20 सैंपल ही भेजे जाएं इनकी जांच रिपोर्ट दो दिन बाद मिल पाती थी, इस कारण समय के साथ ही हेल्थ डिपार्टमेंट की तैयारियों में भी लेटलतीफी होती थी।

अब यह है व्यवस्था

करीब एक माह पहले आईसीएमआर यानि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने शहर के आईवीआरआई संस्थान को कोरोना की जांच करने के लिए अधिकृत किया। लैब ने एक दिन में 50 सैंपल्स की जांच कर रिपोर्ट एक दिन में देने की रिपोर्ट हेल्थ डिपार्टमेंट की दी। लेकिन जिस प्रकार पॉजिटिव पेशेंट्स की संख्या में इजाफा हुआ। हेल्थ डिपार्टमेंट ने इस आदेश की ओर ध्यान नहीं दिया।

डेली भेजे जा है सैकड़ों सैंपल्स, रिपो‌र्ट्स पें¨डग

हेल्थ डिपार्टमेंट से मिले आंकड़ों के अनुसार जब सुभाषनगर का परिवार पॉजिटिव मिला था इसके बाद से आईवीआरआई लैब को कोरोना के जांच की मंजूरी मिली। कंटेनमेंट जोन में जो भी कोरोना संदिग्ध मिले थे उनकी सैंप¨लग की गई इस दौरान अधिकांश दिनों में 50 से अधिक सैंपल ही जांच के लिए भेजे जाते रहे। वही इस सप्ताह ही 100 से 140 सैंपल जांच के लिए भेजे गए जिस कारण 100 से अधिक सैंपल्स की रिपोर्ट अभी तक पें¨डग है।

फैक्ट फाइल

- 893 अब तक जांच को भेजे गए सैंपल्स

- 781 सैंपल्स की रिपोर्ट आई निगेटिव

- 101 सैंपल्स की रिपोर्ट है पें¨डग

- 4 एक्टिव केस हैं डिस्ट्रिक्ट में

- 1 कोरोना पॉजिटिव युवक की हो चुकी है मौत

शहर में दो हॉटस्पॉट एरिया हैं ऐसे में एक्टिव सर्विलांस टीमें लगातार इन एरिया में सर्वे कर संदिग्ध की सैंप¨लग कर रही हैं। आईवीआरआई की रोजाना 50 सैंपल्स जांच की क्षमता है लेकिन क्षमता से अधिक सैंपल भेजे जा रहे हैं जिस कारण रिपोर्ट आने में देरी हैं, व्यवस्था ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।

डा। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ।