- सैंपल्स का अचानक बढ़े लोड के कारण स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लिया फैसला

- तीन हिस्सों में रखे गए सैंपल, उच्च प्राथमिकता वाले सैंपल पहले भेजे जाएंगे

बरेली : जिले में कोरोना जांच के लिए आईवीआरआई की लैब को करीब डेढ़ माह पहले स्वीकृति मिली। लेकिन कैपेसिटी से ज्यादा सैंपल के चलते समय पर जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पा रही हैं। वेडनसडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया जिसके बाद स्वास्थ विभाग की नींद टूटी। लैब पर बढ़ते सैंपल के बोझ को कम करने के लिए थर्सडे को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने प्राथमिकता तय कर दी है। प्राथमिकता के आधार पर ही सैंपल जांच को भेजे जाएंगे। इससे लैब पर लोड कम होगा और लोगों को समय से रिपोर्ट मिल सकेगी।

यह हो रही दिक्कत

जिले में कोरोना संक्रमण के लगातार केस मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने उनके नजदीकी संपर्क वालों और दूर के संपर्क वालों के सैंपल इकट्ठे कर आइवीआरआई लैब को भेजे। इसके साथ ही स्क्री¨नग के दौरान संदिग्ध पाए जाने वालों के भी लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं। एक दिन में स्वास्थ्य विभाग ने सवा सौ सैंपल तक इकट्ठे किए हैं। इससे आइवीआरआई लैब में सैंपल्स का लोड बढ़ रहा है।

यह है सैंपल्स की जांच प्रक्रिया

कोरोना के सैंपल की जांच करने वाली मशीन में एक बार में करीब 50 सैंपल लगाए जा सकते हैं। एक प्रक्रिया पूरी होने में करीब छह घंटे का समय लगता है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ। रंजन गौतम ने बताया कि एक साथ कई सैंपल भेजे जाने से जल्द जांच नहीं हो पा रही है। वर्ह लैब अधिकारियों ने भी इस तरह इकट्ठा सैंपल भेजने की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं जिस कारण अब सैंपल भेजने के लिए प्राथमिकता तय की गई है।

यह होंगे सैंपल भेजने के स्टेप

पहले स्टेप में ऐसे लोग होंगे जो कोरोना पॉजिटिव के सीधे संपर्क में आए होंगे। सेकेंड स्टेप में हाल ही में गैर राज्यों से लौटे संदिग्ध लोगों के सैंपल जांच को भेजे जाएंगे। वहीं थर्ड स्टेप में ऐसे संदिग्ध पेशेंट्स होंगे जिनमें जांच में कोरोना के लक्षण नजर आएंगे। लेकिन वह सामान्य लोग होंगे जो न किसी के संपर्क में आए होंगे और न ही पॉजिटिव केस के रिश्तेदार होंगे। इनकी सैंप¨लग जांच के आधार पर तय की जाएगी।

एपिडेमियोलॉजिस्ट मेडिकल अवकाश पर गए

सीएमओ कार्यालय के इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) यूनिट के प्रभारी डॉ। मीसम अब्बास चिकित्सकीय अवकाश पर चले गए हैं। उन्होंने दो साल से डायबटीज होने के कारण अचानक तबियत बिगड़ने की जानकारी सीएमओ की दी है। उनका कहना है कि डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी है। कोरोना नियंत्रण में जनवरी से जुटे डॉ। मीसम कोविड 19 की निगरानी, सर्विलांस, लैब सैं¨प्लग समेत अन्य कार्यों में लगे हैं। सुबह छह बजे ही सैंपल भेजने और रात को इकट्ठे करने का काम भी उन्हीं के जिम्मे है। उन्होंने जरूरत पड़ने पर फोन पर उपलब्ध रहने की सहमति दी है।