-5 साल पहले परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में बुजुर्ग व्यापारी दंपत्ति और नौकरानी की गड़ासे से बेरहमी से काटकर हुई थी हत्या

-वारदात में शामिल 2 हत्यारे अभी भी जेल में, दो है जमानत पर, कोर्ट में चल रहा केस

बरेली : कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है। करोड़ों की कोठी के अंदर खून से सनी पड़ी लाशें देखकर सभी की जुबान से यही निकला था। हम बात कर रहे हैं 5 साल पहले 24 अक्टूबर 2015 को परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में व्यापारी दंपत्ति व उनकी नौकरानी के ट्रिपल मर्डर की वारदात की। तीनों की गड़ासे से कटकर हत्या की गई थी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल क्राइम सीरीज में आज हम इसी जघन्य हत्याकांड के बारे में बताने जा रहे हैं। वारदात को अंजाम देने वाले दो हत्यारे अभी भी जेल में है और दो जमानत पर हैं। मामला सेशन कोर्ट में चल रहा है।

फैक्ट्री परिसर में कई लोग रहते थे

बता दें कि 60 वर्षीय एसके अग्रवाल रोड नंबर 1 एच 1 परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में पत्नी मधुलिका और 15 वर्षीय नौकरानी अंशू के साथ रहते थे। वह जिस कोठी में रहते थे उसी कोठी के एक हिस्से में उनकी शिवम इसेंशियल ऑयल्स एंड केमिकल्स फैक्ट्री थी। उनका बेटा हितेश अग्रवाल और बेटी बाहर रहते थे। उनके कोठी के एक हिस्से में दूसरी फैक्ट्री का ठेकेदार जयप्रकाश पत्नी संगीता, बेटा बबलू व एक अन्य बच्चा रहता था। इसके अलावा एक अन्य हिस्से में 8 लेबर अवनीश, चरन सिंह, उमाशंकर, अरविंद, अनीस, जयपाल, गंगासहाय व एक अन्य भी किराये में रहते थे। ज्यादातर किरायेदार पूर्वाचल के रहने वाले थे और वे निबाड़ फैक्ट्री में काम करते थे।

ऐसे पता चला था हत्या का

डिवाइन कैंफर फैक्ट्री में सीबीगंज का रहने वाला अजय जब उनकी कोठी में सफाई करने गया था तो उसने मधुलिका को आवाज दी थी लेकिन कोई आवाज नहीं आई। इस पर उसने मैडम और नौकरानी के मोबाइल पर फोन किया तो दोनों स्विच ऑफ थे। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। जब चौकी से सिपाही पहुंचे तो पता चला कि फैक्ट्री में बुजुर्ग की लाश पड़ी थी, जिसके बाद पुलिस के अन्य अधिकारियों को मामले की सूचना दी थी। उसके बाद एक कमरे में नौकरानी अंशु और एक कमरे में बुजुर्ग की पत्‍‌नी की खून से सनी लाश मिली थी।

पुलिस पर खड़े हुए थे सवाल

इंडस्ट्रियल एरिया में ट्रिपल मर्डर की वारदात से पुलिस के काम पर सवाल खड़े होने लगे थे। वारदात की खबर पूरे जिले के अलावा प्रदेश में भी फैल चुकी थी और पुलिस प्रेशर में आ गई थी और जल्द खुलासा करना चाहती थी। पुलिस ने सैकड़ों लोगो से पूछताछ की। पुराने बदमाश पकड़े, मोबाइल सर्विलांस पर लगाए लेकिन कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा था। व्यापारियों में भी गुस्सा था।

पुलिस हो गई थी गुमराह

जिस तरह के मौके पर हालात थे उससे पुलिस भी गुमराह हो गई थी। इतना तो साफ था कि लूटपाट के लिए हत्या कि गई है लेकिन छत के एक कमरे के कोने में टॉयलेट करने और भोजन खाने से तो लग रहा था कि वारदात को अंजाम घुमंतू जाति के बाबरिया गैंग ने दिया हो, जिसके चलते इस एंगल पर फोकस कर रही थी, लेकिन पुलिस प्रॉपर्टी व अन्य एंगल पर भी जांच कर रही थी। इस मामले में कई टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया था।

मोबाइल से खुला था राज

इस हत्याकांड में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं थे लेकिन एक मोबाइल ने पूरी वारदात खोल दी। हत्यारे मोबाइल लूटकर ले गए थे, जिसमें मधुलिका का फोन गलती से एक हत्यारे के परिजन ने चालू करके देखा था, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया था और फिर पूरी वारदात का खुलासा हो गया था।

नौकरानी बनी थी वजह

व्यापारी दंपति और नौकरानी की हत्या नौकरानी की वजह से हुई थी। नौकरानी का देवेन्द्र से प्रेम प्रसंग चल रहा था और उसे भागने के लिए ही देवेन्द्र ने अपने साथियों को बुलाया था, इसी दौरान उनके मन में लालच आ गया और फिर लूटपाट के लिए हत्या कर दी थी.ॅ पुलिस ने देवेन्द्र के दोस्त के पास से अंशु का मोबाइल भी बरामद किया था।

अंशु को भागने की थी प्लानिंग

पुलिस ने वारदात में देवेन्द्र, ओमकार, अजय और संजू को गिरफतार किया था। ओमकार ने पुलिस को बताया था कि देवेंद्र ने अंशू को भगाने की प्लानिंग की थी। भागने की प्लानिंग के दौरान अंशू ने कहा था कि वह भागकर जाएंगे तो कैसे रहेंगे इसके लिए उन्होंने लूट की बात कही थी। लूट के रुपयों से वे कोर्ट मैरिज कर लेते और कहीं दूसरी जगह आराम से रहते। ओमकार ने बताया था कि देवेंद्र पहले ही एटा से बरेली आ गया था। अंशु ने ही अजय को बुलाया था, क्यूंकि वह अजय को भाई मानती थी।

देवेंद्र को फंसाने की प्लानिंग

देवेंद्र ने संजू और ओमकार को एटा से बुलाया था। संजू अपनी ससुराल मिलक से ही गड़ासा लेकर आया था, ओमकार ने बताया था कि संजू के अंशू से संबंध थे। संजू ने प्लानिंग के तहत अंशू से रेप का प्रयास किया, ताकि देवेंद्र अंशू के रेप और लूट के मामले में जेल चला जाए और उसका रास्ता क्लियर हो जाए। जब अंशू ने शारीरिक संबंध बनाने और लूट का विरोध किया तो उसने गुस्से में उस पर बांके से हमला बोल दिया था। देवेंद्र ऊपर पहुंचा तो अंशू को खून से लथपथ देखकर रोने लगा। इसी दौरान मधुलिका उन्हें शीशे से ऊपर चढ़ती हुई दिखाई दीं तो ओमकार गेट पर खड़ा हो गया और जैसे ही मैडम ने गेट खोलने की कोशिश की तो ओमकार ने गेट अंदर को खींच लिया और मधुलिका मुंह के बल गिर गई और फिर ओमकार ने उन पर बांके से वार कर दिया था। जिसके बाद तीनों नीचे गए और लूटपाट की। इस दौरान ओमकार ने कहा कि इन असहाय बुजुर्ग को क्यों छोड़ रहे हो, जिसके बाद देवेंद्र ने उनकी भी हत्या कर दी थी। उसके बाद गड़ासा फाउंटेन में फेंक दिया था।

अब यह आरोपी जेल में

मौजूदा समय में केस कोर्ट में चल रहा है। थाना प्रभारी सीबी गंज बच्चू सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में इस केस में आरोपी अजय और देवेन्द्र जेल में है, लेकिन ओमकार और संजू जमानत पर हैं।