-रामपुर के रास डंडिया निवासी दंपत्ति ने शहर के गुरुनानक हॉस्पिटल पर 28 मई 2019 को लगाया था बच्चा बदलने का आरोप

-डीएनए रिपोर्ट में साबित हुआ कि बच्ची के असली मां-बाप कौन, हॉस्पिटल मैनेजमेंट को मिली राहत

बरेली:

शहर के निजी हॉस्पिटल पर 28 मई 2019 को बच्चा बदलने के आरोप में मंडे को डीएनए रिपोर्ट ने सच्चाई सामने ला दी। डीएनए रिपोर्ट में बच्ची के असली मां-बाप वही निकले जो उसे हॉस्पिटल में छोड़कर चले गए थे। परिजनों ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बेटा एडमिट कराया था लेकिन हॉस्पिटल में बच्चा बदलकर उन्हें बेटी दे दी गई। उन्होंने बेटी को ले जाने से इनकार कर दिया था। इसी बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी हुई। मामला पुलिस तक पहुंचा जिस पर डीएनए टेस्ट कराने का आदेश हुआ। मंडे को डीएन की रिपोर्ट सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट के पास पहुंची तो पूरी सच्चाई सामने आ गई। सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट डॉ। डीएन शर्मा का कहना है कि वह बच्ची के मां-बाप को बुलाने के लिए आदेश जारी कर रहे हैं ताकि वह अपनी बच्ची को अपने साथ ले जा सकें।

ऐसे मिला न्याय

शहर के प्रियदर्शनी नगर स्थित गुरुनानक हॉस्पिटल से बच्चा बदलने का परिजनों ने जब आरोप लगाया तो मामला प्रेमनगर थाना में दर्ज हुआ। मामले की जांच आईओ एसआई विष्णु दत्ता को सौंपी गई। 4 जून 2019 को मामला सीडब्ल्यूसी पहुंचा जिस पर सीडब्ल्यूसी ने 7 जून को आदेश दिया कि वह बच्ची को अपने हॉस्पिटल की नर्सरी में ही रखें ताकि बच्ची स्वस्थ रह सके। इसके बाद बच्ची के डीएन टेस्ट का आदेश हुआ। 20 मार्च को बच्ची, बच्ची के पिता होरी लाल और मां ममता का डीएनए टेस्ट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में सैंपल लिया गया। टेस्ट के लिए लखनऊ लैब भेजा गया, जहां से टेस्ट रिपोर्ट प्रेमनगर थाने पहुंची। जहां से केस के पूर्व आईओ विष्णु दत्ता और हरेन्द्र सिंह रिपोर्ट लेकर सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट के समक्ष पहुंचे। डॉ। डीएन शर्मा ने बताया कि डीएनए रिपोर्ट में साफ हो गया है कि बच्ची की जैविक मां-ममता और पिता होरी लाल ही हैं। इसीलिए अब होरी लाल और उनकी पत्‍‌नी ममता के लिए आदेश जारी कर संबंधित थाने को भेजा जा रहा है। ताकि बच्ची के जैविक पिता होरी लाल और मां ममता अपनी बच्ची को अपने साथ ले जाएं और अपने साथ रखें।

यह था मामला

-रामपुर जिले के रास डंडिया निवासी होरी लाल की पत्‍‌नी ममता ने 6 मई 2019 को रास डंडिया में प्री मैच्योर बच्चे को जन्म दिया था.जन्म के बाद बच्चे ही हालत बिगड़ गई, हॉस्पिटल में नर्सरी नहीं थी इसीलिए उसे बरेली रेफर कर दिया। परिजनों ने बच्चे को प्रियदर्शनी नगर स्थित गरु नानक हॉस्पिटल में 6 मई को एडमिट करा इलाज शुरू करा दिया। 27 मई की रात में बच्चे को डिस्चार्ज किया गया। लेकिन इसी दौरान बच्चे के पिता होरी लाल और मां ममता ने बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए 28 मई सुबह हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप था कि हॉस्पिटल में हमने बेटे को एडमिट कराया था लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन बेटा बदल कर बेटी दे रहे हैं।

यह हुई थी गलती

गुरुनानक हॉस्पिटल में परिजन जब बच्चा एडमिट कराने के लिए लेकर आए थे तो गुरुनानक हॉस्पिटल में बच्चा एडमिट करते समय जो पर्चा बना था उस पर गलती से मेल दर्ज कर दिया गया था। इसी बात को परिजनों ने तूल दिया, जिसके चलते वह बच्चा हॉस्पिटल में ही छोड़कर चले गए थे। वहीं हॉस्पिटल प्रबंधन की तरफ से लगातार यही कहा गया कि बच्चा उन्होंने नहीं बदला है, पेपर पर पर्चा बनाने वाले की गलती से मेल दर्ज हो गया होगा, लेकिन बच्ची के परिजन किसी की सुनने को तैयार ही नहीं थे। वह बच्ची को अपनाने को ही तैयार नहीं हुए और बच्ची को हॉस्पिटल में ही छोड़कर चले गए। फिलहाल बच्ची अभी शेल्टर होम में रह रही है।

बच्ची और उसके परिजनों ने जो डीएनए टेस्ट हुआ था। उसकी रिपोर्ट मंडे को मिली है, जिसमें बच्ची, उसके मां और बाप की रिपोर्ट एक ही है। इसीलिए बच्ची के मां-बाप को बुलाकर बच्ची ले जाने के लिए पत्र जारी किया गया है। ताकि वह अपनी बच्ची अपने साथ ले जा सकें।

डॉ। डीएन शर्मा, सीडब्ल्यूसी मजिस्ट्रेट