-दोनों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के लगातार बढ़े मामले

-इस वर्ष 40 से अधिक केस आ चुके सामने, टवीटर पर शिकायत

बरेली-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग महिलाओं और धर्म विशेष को लेकर अनसोशल हो रहे हैं। फेसबुक व टवीटर पर इन दोनों मामलों में अभद्र टिप्पणी की जा रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बरेली पुलिस के टवीटर अकाउंट पर महिलाओं और धर्म को लेकर आपत्ति जनक टिप्पणी की शिकायतें की जा रही हैं। सभी मामलों को साइबर सेल भेज दिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है, जिसकी वजह से लोग बार-बार शिकायत कर रहे हैं और सीनियर अधिकारियों को भी ट्वीट कर रहे हैं। इस वर्ष जनवरी से मई माह तक इन दोनों को लेकर टिप्पणी के 30 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।

धर्म के नाम पर अकाउंट

अली, अक्की, व अन्य ने बरेली पुलिस के टवीटर अकाउंट पर शिकायत की कि एक शख्स ने दूसरे धर्म के नाम पर एक फेसबुक अकाउंट बना रखा है। इस अकाउंट के जरिए वह शख्स दूसरे धर्म और उस धर्म से जुड़ी महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है। यही नहीं वह चुनौती भी दे रहा है कि पुलिस भी उसका कुछ नहीं कर सकती है। मीडिया सेल के द्वारा अधिकारियों के निर्देश पर मामला साइबर सेल भेज दिया गया है।

अश्लील टिप्पणी भी की

इसी तरह से अभिेषक व अन्य ने टवीटर पर शिकायत की है कि एक शख्स एक महिला को लेकर अश्लील टिप्पणी कर रहा है। उसकी सामाजिक बुराई कर रहा है। उसने भी अपने अकाउंट का नाम एक धर्म को लेकर ही रखा है। इसमें वह महिला को धर्म विशेष से भी जोड़ रहा है। एक अन्य शख्स ने भी धर्म के नाम पर फेसबुक आईडी बनायी है और वह एक अन्य महिला को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहा है। इस तरह का सिलसिला कई दिनों से चल रहा है।

84 केस साइबर क्राइम के दर्ज

32 केस अश्लीलता व धर्म से जुड़े

25 केस धोखाधड़ी के

22 केस एटीएम फ्रॉड के

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साइबर थाना में दर्ज होगी पहली एफआईआर

साइबर सेल में एक लाख से ऊपर की ठगी का केस होगा ट्रांसफर

बरेली-पुलिस लाइंस में 5 दिन पहले खुले साइबर थाना में जल्द ही पहली एफआईआर भी दर्ज हो जाएगी। इसकी तैयारी कर ली गई है। साइबर सेल से एक लाख से ऊपर की ठगी की अप्लीकेशन को थाना में ट्रांसफर कर एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस मामले में सीनियर अधिकारियों की अनुमति मिलनी बाकी है। अभी तक कोई इंतजाम न होने के चलते एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी थी।

1 जून को खुला थाना

एक जून को एडीजी जोन अविनाश चंद्र ने साइबर सेल थाना का उद्घाटन किया था। इस थाना में बरेली और पीलीभीत जिलों में तैनात पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। यह सभी ट्रेनिंग भी करके आए थे लेकिन ज्वाइनिंग करने नहीं पहुंचे थे। प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कुमार यादव पीलीभीत से रिलीव होने के बावजूद भी ज्वाइन करने नहीं पहुंचे थे। अधिकारी उन्हें बार-बार फोन करके उद्घाटन में बुलाते रहे लेकिन फोन स्विच ऑफ कर लिया था। दूसरे दिन डीआईजी ने पूरा स्टॉफ चेंज कर दिया था, लेकिन न तो यहां न तो एफआईआर दर्ज करने के इंतजाम थे और न ही एफआईआर दर्ज करने वाले।

मुंशी की भी पोस्टिंग

डीआईजी रेंज राजेश कुमार पाण्डेय को थाना का अधिकारी बनाया गया है। उन्होंने थाना में एफआईआर दर्ज न होने के मामले को गंभीरता से लिया और एसपी क्राइम रमेश कुमार भारतीय को जिम्मेदारी सौंपी कि दो दिन में थाना एक्टिव कर दिया जाए। जिसके बाद एसपी क्राइम ने सीसीटीएनएस के जरिए वहां पर कम्प्यूटर व प्रिंटर लगवाया और उसके बाद साफ्टवेयर भी अपडेट कराया। वहां पर अन्य इंतजाम भी किए और उसके बाद एफआईआर दर्ज करने के लिए मुंशी व कम्प्यूटर ऑपरेटर की भी तैनाती करा दी।