बरेली (ब्यूरो)। बच्चों को विटामिन ए की कमी से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन अगस्त से जिले भर में विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। इसको लेकर वेडनसडे को सीएमओ डॉ। बलवीर सिंह ने बताया कि नौ माह से लेकर पांच साल तक की उम्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक देना शुरू किया जाएगा। जिले में 558045 से अधिक बच्चों को खुराक देने का लक्ष्य तय किया गया है।

लिस्ट करें तैयार
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ। प्रशांत रंजन ने बताया कि आशा व आंगनबाड़ी वकर्स को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वह अपने क्षेत्र में नौ माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों की लिस्ट तैयार कर लें। जिन्हें विटामिन ए की खुराक दी जानी है। सभी एएनएम को जल्द ही उनके उपकेंद्र में बच्चों के लिए विटामिन ए की बोतलें पर्याप्त मात्रा में दे दी जाएगी। यह दवा विटामिन ए की बोतल के साथ मिलने वाली नापने वाली चम्मच से नाप कर डिस्पोजेबल चम्मच से निर्धारित मात्रा में दी जाएगी। आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का विशेष ध्यान रखेंगी कि बच्चों को एक साथ अधिक संख्या में न बुलाया जाए। एक बार में दस बच्चों को ही दवा दी जाएगी।

मात्रा है तय
स्वास्थ्य अधिकारी बताते हैैं कि विटामिन ए की खुराक नौ से 12 माह एक एमएल, 16 से 24 माह दो एमएल और दो से पांच वर्ष दो एमएल दवा दी जानी है।

फैक्ट एंड फिगर
5,58,045 बच्चों को दी जाएगी खुराक
03 अगस्त से शुरू होगा अभियान
09 माह से 05 साल के बच्चों को दी जाएगी खुराक

विटामिन ए क्यों है जरूरी
स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। रंजन बताते हैैं कि विटामिन ए आंखों की रोशनी, शरीर के विकास और मजबूत रोग प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए आवश्यक पोषक तत्व है। शरीर में आयरन के अवशोषण के लिए भी विटामिन ए जरूरी होता है। उन्होंने जनता से अपील की कि बच्चों को दवा पिलाने के लिए बच्चे के साथ एक व्यक्ति ही स्वास्थ्य केंद्र पर जाए, साथ ही कोविड नियमों का भी पालन किया जाए।

क्यों होती है कमी
विटामिन ए की कमी से बच्चे अंधेपन के शिकार हो सकते हैं। छोटे बच्चों में विटामिन ए की कमी से दस्त जैसी आम बीमारियां होने की संभावना रहती है जो कि जानलेवा भी हो सकती हैं।

कैसे करें बचाव
आहार में गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियों, गहरे रंग के फल जैसे संतरा, पपीता और गाजर व पंपकिन जैसी पीली सब्जियों का सेवन करना चाहिए। अनाज, कलेजी, अंडे की जर्दी और मछली का तेल लाभदायक है। खाने में वसा होने से शरीर में विटामिन ए का अवशोषण बेहतर होता है।

कमी से होने वाली बीमारी
रतौंधी
अंधापन
श्वसन प्रणाली में संक्रमण
पेशाब की नली में संक्रमण
एनीमिया
रोग प्रतिरक्षा कम होना