- बड़े नालों की सफाई के लिए अब तक नहीं जारी हो सके टेंडर

- पार्षदों ने नाले साफ होने पर जताई नाराजगी

बरेली : बारिश शुरू हो चुकी है, लेकिन शहर के बड़े नालों की सफाई के लिए नगर निगम अब तक टेंडर तक जारी नहीं कर सका है। ऐसे में इस बार शहर के लोगों को जलभराव से जूझना पड़ेगा, लेकिन नगर निगम के अफसर इसे लेकर गंभीर नहीं हैं। इसे लेकर मंडे को पार्षदों ने नाराजगी जताते हुए मेयर से बड़े नालों की सफाई तत्काल शुरू कराने की मांग उठाई।

कार्य योजना भी ठंडे बस्ते में

फरवरी की शुरुआत में ही बोर्ड बैठक में बड़े नालों की सफाई प्रमुख मुद्दा था, कूड़ा निस्तारण और नालों की सफाई के लिए करीब तीन करोड़ का बजट का प्रस्ताव भी पास हुआ। इस बजट में एक करोड़ रुपये का बजट सिर्फ नाले की सफाई के लिए निर्धारित था, लेकिन इस बजट को कहां खपाया जा रहा है यह कोई नहीं जानता।

पार्षद बोले-डूब जाएगा शहर

मंडे को पार्षद अवनेश कुमार, सतीश कातिब, चंद्र प्रकाश यादव, अनुपम चमन आदि ने मेयर के साथ बैठक कर बड़े नालों की सफाई का मुद्दा उठाया। पार्षदों का कहना था कि छोटे नालों की सफाई तो हो रही है, लेकिन जब बड़े नाले ही चोक होंगे तो छोटे नालों से पानी की निकासी कैसे होगी। तेज बरसात हुई तो पूरा शहर डूब जाएगा। जिस पर मेयर डॉ उमेश गौतम ने गहरी चिंता जताई और जल्द से जल्द बड़े नालों की सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की रणनीति तैयार करने का आदेश दिया।

इन इलाकों में होगा जलभराव

बांस मंडी, हरुनगला, पुराना शहर, किला और सुभाषनगर क्षेत्र निगम के सूची में संवेदनशील हैं ऐसे में अगर बड़े नालों की सफाई नहीं होती है तो इन क्षेत्रों में भीषण जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

वर्जन ::

पार्षदों ने बड़े नालों की सफाई को लेकर चिंता व्यक्त की है। बारिश की शुरुआत हो चुकी है। जब तक टेंडर प्रक्रिया शुरू नही होती है कोई न कोई वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाएगी।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर।

लोकसभा चुनाव के बाद ही नालों की सफाई के लिए टेंडर निकाले जाने थे, लेकिन किसी कारण से टेंडर नहीं निकाले जा सके। जल्द ही एजेंसियों से बात कर नालों की सफाई शुरू कराई जाएगी।

सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त