-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में कई सड़कों पर मिला जलभराव

-ड्रेनेज का प्रॉपर इंतजाम होने से सड़कों पर भरा रा पानी, लोग हो रहे परेशान

बरेली: एक तरफ शहर में जहां स्मार्ट सिटी के तहत कई काम हो रहे तो वहीं नगर निगम अभी तक ड्रेनेज सिस्टम ही नहीं बना पाया है। जिससे लगभग आधी आबादी जलभराव की समस्या से परेशान है। वेडनसडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के कई मोहल्लों का रियलिटी चेक किया तो स्थिति काफी खराब मिली। कहीं सीवर लाइन और नाले-नालियां चोक मिली तो कहीं पानी निकासी की व्यवस्था ही नहीं मिली। जिसके चलते संक्रामक बीमारियां भी फैल रही हैं। यहां पसरी गंदगी और कीचड़ से बजबजाती सड़कें नगर निगम के दावों की पोल खोल रही थीं।

गगन विहार में सड़क ही नाली है

शहर के पीलीभीत बाईपास रोड पर बसी कॉलोनी गगन विहार और सुपर सिटी को जाने वाली मेन रोड पर आज नाली ही बनाई गई है। जिससे घरों और निकलने वाला पानी सड़क पर ही भरा रहता है। वहीं बारिश होने पर सड़कें तालाब बना जाती हैं। जिससे लोगों को निकलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता ंहै। कॉलोनी में रहने वाले लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम से शिकायत की, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

बारादरी की पहचान सीवर चोक

बारादरी पुराना शहर एरिया में सीवर लाइन और नाली तो बनी है, लेकिन यह परमानेंट चोक रहती हैं। यहां डेयरी ज्यादा होने से सीवर लाइन में गोबर आदि बहा दिया जाता है जिससे लाइनें चोक हो जाती हैं। सीवर ओवर फ्लो होकर उसका गंदा पानी सड़क पर भर जाता है। साथ ही नाली का पानी भी सड़क पर ही भरा रहता है। रोड और नाली में कोई फर्क नहीं बचा है।

आजमनगर में बदबू से निकला चैलेंज

बारिश को खत्म हुए दो-तीन दिन हो गए हैं लेकिन आजमनगर को जाने वाली रोड पर अभी तक पानी भरा हुआ है। उस पर पड़े कूड़े की वजह से आने-जाने वाले लोगों को बदबू और गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। साथ ही कई बार में इस जगह पर बाइक सवार गिरकर घायल तक हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार आंखें मूंदे हुए हैं।

किला में रिक्शे से जाते उस पार

किला के ओल्ड सिटी में नालियां काफी टाइम से चोक हैं। जिससे नाली कहां है और सड़क कहां है, यह कहना मुश्किल है। यहां हमेशा गंदा पानी भरा रहता है। जिससे कुछ लोग मजबूरी में इसी पानी से होकर गुजरते हैं तो कुछ लोग रिक्शा करके ही दूसरी साइड जाते हैं। वहीं सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों को भी इसी पानी से होकर निकलना पड़ता है। यहां तक कि कई लोगों ने तो रिक्शा सिर्फ इसीलिए लगाया है कि रोड पर जलभराव से निकलने की मशक्कत न करना पड़े।

शांति विहार में फैल रहीं बीमारियां

सुभाषनगर के शांति विहार में भी रोड पर नाली नहीं होने से रोड किनारे प्लॉट में तालाब बन गया है। जिससे उसमें मच्छर, गंदगी आदि के चलते लोगों में बीमारियां फैल रही हैं। इसकी शिकायत भी स्थानीय निवासियों ने की, लेकिन नाली नहीं बन सकी।

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इस पर हो काम

-जिस एरिया में नाली नहीं है वहां पर नालियां बने

-सीवर लाइन साफ हो

-शहर में चल रही डेयरी को बाहर कराया जाए

-नाली में कूड़ा डालने के वालों पर कार्रवाई हो

इन एरिया में होता है जलभराव

बांसमंडी, पुराना शहर, मढ़ी नाथ शांति विहार, गणेश नगर, सुभाषनगर, कांकर टोला, रोहली टोला, संजय नगर, किला और पीलीभीत रोड एरिया के मोहल्लों में भी जलभराव होता है।

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रोड और नाली नहीं होने से हल्की बारिश होने से लोगों को रास्ता बदलना पड़ता है। कई बार तो कारे भी पानी में फंस जाती है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं हैं।

ममता

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-नाली कहां से बनेगी जब आज तक रोड ही नहीं बना सका है। ऐसे में आसपास के जो प्लॉट खाली हैं। उसमें बुरी तरह जल भराव हो जाता हैं.इससे मच्छर भी बढ़ रहे है।

मीना

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पुराना शहर एरिया में जो भी सीवर लाइन है वहां पर ओवर फ्लो रहती है। डिप से हमेशा पानी बहता रहता है। नाली भी चोक है इसीलिए लोगों का रोड से निलकना मुश्किल है।

अनमोल

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-शहर में जहां पर भी सीवर लाइन नहीं है वहां पर डाली जा रही है। जहां पर चोक है उसका काम भी होगा। नगर निगम ने तो ड्रोन की निगरानी में सफाई भी कराई थी।

अपर नगर आयुक्त, ईश शक्ति कुमार सिंह