- आईवीआरआई में 'उपेक्षित गोधन अर्थव्यवस्था' विषय पर वर्कशॉप का हुआ आयोजन

- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष ने पशुओं और पेड़-पौधों के महत्व को समझने पर दिया जोर

बरेली : भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान यानि आईवीआरआई में 'उपेक्षित गोधन अर्थव्यवस्था' विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के अध्यक्ष डॉ। वल्लभ भाई कथेरिया ने उपेक्षित गोधन को फिर से उत्पादक बनाने की बात पर जोर देते हुए कहा कि जर्मनी के वैज्ञानिक भारतीय वेद, पुराण, संहिता आदि का अध्ययन कर औषधि और प्रौद्योगिकी आदि का विकास कर धन कमा रहे हैं। हमें अपनी विद्या, शास्त्रों आदि के आधार पर विकास करना चाहिए। इस विषय पर वर्कशॉप में आए अन्य वैज्ञानिकों ने भी अपने विचार रखे।

गाय के महत्व को समझें

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् और पशु पोषण संघ की ओर से आयोजित इस वर्कशॉप में चीफ गेस्ट डॉ। कथेरिया ने यह भी कहा कि आइंस्टीन ने डॉ। सीवी रमन से पूछा था कि भारतीय किसान गाय आधारित खेती कर रहे हैं या नहीं। इसी से भारतीय कृषि में गाय के महत्व को समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि घी पर किये गये अनुसंधान में पाया गया है कि घी मस्तिष्क की मृत कोशिका को पुनर्जीवित करता है।

गोवंश के संरक्षण पर दिया जोर

कार्यशाला के विशिष्ट अतिथि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि आईवीआरआई की पहचान देश ही नहीं विदेशों में भी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस वर्कशॉप से उपेक्षित गोवंश के लिए कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा। उत्तर प्रदेश पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, मथुरा के कुलपति डॉ। जीके सिंह ने उपेक्षित गोवंश के संरक्षण पर बल देने को जरूरी बताया।

संस्थान की उपलब्धियां बताईं

आईवीआरआई के निदेशक डॉ। राजकुमार सिंह ने संस्थान की उपलब्धियों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि आईवीआरआई में ही विश्व का प्रथम रिन्डरपेस्ट टीका सन् 1927 में बनाया गया था तब से लेकर आज तक संस्थान ने पशु रोगों के उन्मूलन और नियंत्रण में टीकों का विकास कर प्रमुख भूमिका निभाई है। हाल ही में गोवंश और अन्य पशुओं की अफ्रीकन बोवाइन फीवर पर संस्थान ने औषधि का विकास किया।

यह रहे मौजूद

वर्कशॉप का संचालन डॉ। अंजलि राणा और पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन के प्रभारी डॉ। ज्ञानेन्द्र कुमार गौड़ ने किया। इस मौके पर कमिश्नर रणवीर प्रसाद, नवाबगंज के विधायक केसर सिंह आदि मौजूद रहे।