यह भी जानें

-5 लाख से ज्यादा वाहन हैं रजिस्टर्ड

-04 पहिया वाहनों में तीन नंबर प्लेट लगेंगी

-10 हजार रुपये जुर्माना और गाड़ी जब्त हो सकती है बिना नंबर प्लेट पर

-परिवहन विभाग के पास शासनादेश आने के शुरू की गई कवायद

-19 अक्टूबर के बाद से नए वाहन निर्माता कंपनी की तरफ से आ रही एचएसआरपी

बरेली: अगर आपके घर में भी वाहन है तो न्यूज आपके लिय है। अब गाड़ी नई हो या पुरानी दोनों ही तरह के वाहनों में एचएसआपी यानि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट होगा। इस संबंध में संभागीय परिवहन अधिकारी के पास आदेश आ चुका है। जिससे विभाग जल्द ही यह आदेश सभी वाहनों के लिए जारी करेगा। इसके लिए व्हीकल ओनर्स को परिवहन विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। वहीं एआरटीओ डॉ। एके गुप्ता ने बताया कि जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

ऐसे बनवा सकते हैं एचएसआरपी

एआरटीओ प्रशासन आरपी सिंह ने बताया कि एचएसआरपी लगवाने के लिए व्हीकल ओनर्स को ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। इसके बाद पोर्टल पर व्हीकल की डिटेल्स फिल करनी होगी। इसके लिए फीस भी ऑनलाइन ही जमा होगी।

डिटेल मैच करना जरूरी

-वाहन ओनर एचएसआरपी बनवाने समय जो भी डिटेल्स ऑनलाइन या ऑफलाइन देगा, वह वाहन खरीदते समय दी गई डिटेल से मैच करना जरूरी है। वाहन की डिटेल मिसमैच होने पर एचएसआरपी नहीं बनेगी। ऐसे वाहन ओनर्स को पहले आरटीओ में डिटेल्स सही कराने होगी, इसके बाद ही वे एचएसआरपी बनवा सकेंगे।

यह देनी होंगी डिटेल्स

-वाहन ओनर का नाम

-वाहन ओनर का एड्रेस

-मोबाइल नम्बर

-ई-मेल

-वाहन का प्रकार

-वाहन की चेसिस नम्बर

-वाहन की इंजन संख्या

-वाहन के ईधन का प्रकार

यह भी रहेगा खास

ऑनलाइन ही इसका पूरा विवरण डीलर तक पहुंचेगा।

डीलर कागजात की जांच को वाहन-4 की मदद ले सकता है।

-सॉफ्टवेयर पर विवरण मैच न करने पर एसएमएस या अन्य साधनों से सूचित किया जाएगा।

-चालान, जुर्माना, आरसी निलंबन तो नहीं हुआ है, तभी ऑनलाइन ओके होगा।

-शोरूम पर स्पष्ट रूप से देय फीस दर्ज रहेगी।

-फीस की रसीद और प्रिंट लेने की भी सुविधा होगी।

-फीस के बाद स्लॉट मिलेगा, पोर्टल पर तिथि का चयन कर सकेंगे, उसके बाद ओटीपी नंबर जेनेरेट होगा।

-तय समय पर वह संबंधित डीलर या एजेंसी धारक से संपर्क कर वाहन स्वामी को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए बुलाएगा।

यह है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट

-07 अंकों का यूनीक लेजर कोड भी रहेगा। हर नंबर प्लेट पर, रजिस्ट्रेशन नंबर भी दर्ज रहेगा।

-प्लेट एल्युमीनियम की बनी हुई है और इस पर एक होलोग्राम भी होगा।

-होलोग्राम एक स्टीकर होगा जिस पर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर होंगे।

-यह नंबर पेंट और न स्टीकर से लिखा होगा। प्रेशर मशीन से लिखा जाता है।

-प्लेट पर एक तरह का पिन होगा जो आपके वाहन से जोड़ेगा।

-यह पिन एक बार आपके वाहन से प्लेट को पकड़ लेगा तो यह दोनों ही तरफ से लॉक होगा, किसी से खुलेगा नहीं।

एचएसआरसी के फायदे

-वारदातों और हादसों पर लगाम लगेगी क्योंकि प्लेट में क्रोमियम होलोग्राम तमाम जानकारी बता देंगे।

-क्रोमियम प्लेटेड नंबर और इंबॉस होने से नंबर प्लेट को रात में भी वाहनों पर कैमरे के जरिये नजर रख सकेंगे।

-पहले अपराधी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ छेड़छाड़ करके भी फायदा उठाते थे, अब ऐसा नहीं होगा।

-इन नंबर प्लेट पर लेजर डिटेक्टर कैमरा लगा होगा, जिससे वाहन का आसानी से पता लगेगा।

-यूनीक जानकारियां भी नेशनल डाटाबेस में होंगी, इससे पूरे देश के वाहनों का एक सेंट्रलाइज्ड रिकॉर्ड होगा।

-जितने भी पुराने वाहन रजिस्टर्ड हैं उन सभी वाहन ओनर्स को एचएसआरपी लगवानी होगी। इसके लिए वह संबंधित वाहन विक्रेता या फिर परिवहन विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर बनवा सकते हैं। जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

डॉ। एके गुप्ता, संभागीय परिवहन अधिकारी