-रेलवे में स्क्रीनिंग के लिए मेन गेट पर ही मौजूद है टीम, रोडवेज में दिखी लापरवाही

बरेली: कोरोना वायरस संक्रमण न फैले इसके लिए सार्वजनिक स्थानों, रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे सहित कई जगह हैंड सेनेटाइज और थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कराई गई, लेकिन अनॉलक वन में जैसे ही ट्रेनों और बसों का संचालन शुरू करने के साथ मार्केट ओपन हुई तो बरेलियंस अपनी सुरक्षा खुद भी भूल गए। परिवहन निगम और रेलवे पैसेंजर्स को सफर कराने से पहले जहां हैंड सेनेटाइज कराने और थर्मल स्क्रीनिंग के दावे किए जा रहे थे, वह अब सिर्फ खानापूर्ति की ही बची है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने ट्यूजडे को शहर के ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड और सैटेलाइट बस स्टैंड पर रियलिटी चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। आइए हम दिखाते हैं रोडवेज और रेलवे की थर्मल स्क्रीनिंग की हकीकत क्या है

दोपहर 1 बजे:: ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड

ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड पर पैसेंजर्स नाममात्र के ही दिखाई दिए। पैसेंजर्स की थर्मल स्क्रीनिंग करने के लिए यहां टीम बैठी थी, लेकिन जो पैसेंजर्स आ रहे थे वह बिना थर्मल स्क्रीनिंग कराए ही सीधे बसों में अपनी सीट पर बैठ जा रहे थे। इस बारे में जब पैसेंजर्स से बात की गई तो पैसेंजर्स का कहना था कि उन्हें टीम ही नहीं दिखी तो कहां पर थर्मल स्क्रीनिंग कराता। वहीं टीम का कहना था कि थर्मल स्क्रीनिंग के लिए उनके पास कम ही पैसेंजर्स आ रहे हैं।

दोपहर दो बजे: सैटेलाइट बस स्टैंड

ऑटो से उतर सीधे बस में एंट्री

शहर के मेन एंट्री प्वांइट पर ही सैटेलाइट बस स्टैंड हैं। बस स्टैंड पर चारों तरफ से कोई पैसेंजर्स बगैर थर्मल स्क्रीनिंग के एंट्री न कर सके इसके लिए बैरिकेटिंग की गई है, लेकिन जो एंट्री प्वाइंट बसों की एंट्री के लिए ओपन रखा गया है वहां ऑटो खड़े होकर सवारी उतार रहे हैं। ऑटो से उतरते ही पैसेंजर्स सीधे बस में एंट्री कर रहे हैं। यानि पैसेंजर्स को खुद तो अपनी चिंता नहीं है कि वह थर्मल स्क्रीनिंग कराए। लेकिन इससे भी बड़ी बात बस स्टैंड पर बस में सवारी बैठाकर ले जाने की जल्दी में ड्राइवर और कंडक्टर भी उस पैसेंजर्स से थर्मल स्क्रीनिंग कराने की बात कहने की जहमत तक नहीं उठा रहे हैं। थर्मल स्क्रीनिंग के लिए बूथ बनाया गया है किसने स्क्रींनिंग कराई इसके लिए पूरा रिकॉर्ड रखा जा रहा है लेकिन सैटेलाइट पर दोपहर तक मात्र 59 लोगों की ही रजिस्टर पर एंट्री थी।

रेलवे जंक्शन:::दोपहर डेढ़ बजे

रेलवे जंक्शन बरेली पर दोपहर डेढ़ बजे करीब हेल्थ टीम एंट्री गेट पर ही बैठी थी। आरपीएफ भी मौके पर तैनात थी। प्लेटफार्म पर ट्रेन आने के पहले ही स्क्रीनिंग आदि के बाद लोगों को एंट्री दी जा रही थी। एंट्री गेट के बाहर दो सैनेटाजर और हैंड वॉश के लिए लगी मशीनों को भी यूज करने के लिए पैसेंजर्स को बताया जा रहा था। जो पैसेंजर्स आ रहे थे वह हैंड सेनेटाइज और हैंड वॉश करने के बाद ही एंट्री कर रहे थे। कोई बेवजह प्लेटफार्म पर एंट्री न कर सके इसके लिए एंट्री गेट पर ही पुलिस तैनात थी। जबकि बाकी एंट्री गेट बंद कर दिए गए। इसके बाद भी प्लेटफार्म पर कोई पहुंच न पाए इसके लिए सुरक्षा के प्रबंध किए गए थे।

-दोनों ही बस स्टैंड पर पैसेंजर्स के लिए थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनेटाइज की व्यवस्था है। पैसेंजर्स बगैर हैंड सेनेटाइज के बस में न बैठे इसके लिए ड्राइवर और कंडक्टर को भी जिम्मेदारी दी है। पैसेंजर्स को भी अवेयर होना चाहिए। कोई बगैर स्क्रीनिंग के बस में बैठ रहा है तो पता करूंगा।

चीनी प्रसाद, एआरएम बरेली डिपो

लोगों को खुद भी स्क्रीनिंग और हैंड सेनेटाइज के प्रति अवेयर होना चाहिए। क्योंकि इससे हम नहीं बल्कि हमारे अपनों को भी खतरा हो सकता है। इसीलिए कोरोना से सावधानी ही बचाव है। इसके प्रति अवेयर रहें और दूसरों को भी अवेयर करें।

संजीव सिंह चौहान, समाजसेवी

बोले पैसेंजर्स

ओल्ड बस स्टैंड से बस में सवार हुआ लेकिन यहां पर कहीं कोई स्क्रीनिंग तो की नहीं गई। जो बस कौशांबी जा रही थी कंडक्टर ने आवाज लगाई तो उसी में सवार हो गया।

जय प्रकाश, पैसेंजर

मैंने तो ओल्ड रोडवेज बस स्टैंड पर देखा भी था कि कहीं स्क्रीनिंग होते हुए दिख जाए तो करा लूं। लेकिन यहां पर कहीं स्क्रीनिंग होते दिखी नहीं तो ऐसे ही बस में आकर बैठ गया। किसी ने बताया नहीं कि स्क्रीनिंग कहां पर कराना है।

नीरज साहू, पैसेंजर

-ऑटो से उतरा तो बस में बैठ गया लेकिन कंडक्टर ने भी नहीं बताया कि स्क्रीनिंग कराना है। अगर कहीं स्क्रीनिंग हो रही है तो ड्राइवर या कंडक्टर को बताना चाहिए। लेकिन अब क्या बस में बैठ ही गया तो अब नहीं कराउंगा।

सुरेश, पैसेंजर