यहां मिलता है forever card

किसी भी ब्लड बैंक का डोनर होने पर थ्री मंथ्स के लिए डोनर कार्ड मिलता है। इसके जरिए वह उस ब्लड बैंक से थ्री मंथ्स के भीतर कभी भी किसी भी ग्रुप का ब्लड ले सकते हैं। पर जेसीज के कैंपेन नीड ब्लड कॉल जेसीज से जुड़कर कोई भी व्यक्ति फॉरएवर कार्ड का हकदार हो जाता है। इसकी वजह जब कोई जेसीज को ब्लड के कॉल करता है तो वह सेम ग्रुप के रजिस्टर्ड डोनर से डोनेशन लेते हैं। कैंपेन कोऑर्डिनेटर के मुताबिक वह पहले से ब्लड लेकर बैंक में नहीं रखते हैं, इसकी वजह ब्लड की लाइफ 35 डेज ही होती है और प्लेटलेट्स की केवल 5 दिन। ऐसे में, पहले से ब्लड लेकर रखने पर वह वेस्ट हो सकता है। ऐसा अधिकांश केसेज में निगेटिव ब्लड ग्रुप के साथ होता है। क्योंकि, आम तौर पर इसकी डिमांड 3-4 महीने में ही आती है।  

24 hours में एक unit blood

किसी भी ब्लड डोनर के  ब्लड डोनेट करने के बाद 24 ऑवर्स में ही ब्लड बन कर तैयार हो जाता है। पर इसकी थिकनेस बनाए रखने के लिए ही थ्री मंथ्स का टाइम दिया जाता है। वहीं, ब्लड डोनेशन से बॉडी में फ्रेश ब्लड बनते रहने से क्लॉटिंग आदि के चांसेज भी काफी कम हो जाते हैं। हार्ट को स्मूथ वर्किंग करने में ब्लड डोनेशन काफी हेल्पफुल होता है।

ये होते हैं rarest blood group

यूं तो मौके पर सेम ब्लड ग्रुप का ब्लड मिलना ही मुश्किल होता है, पर फिर भी ओ पॉजिटिव और बी पॉजिटिव ऐसे ब्लड ग्रुप्स हैं जो ब्लड बैंक्स में बल्क में आसानी से मिल जाते हैं। पर ए पॉजिटिव और एबी पॉजिटिव अपेक्षाकृत कम मिलते हैं। पर निगेटिव ब्लड ग्रुप्स को     रेयरेस्ट की कैटेगरी में रखा जाता है। यह मुश्किल से 5 परसेंट ही मिल पाता है। इसमें ओ निगेटिव, ए निगेटिव, एबी निगेटिव और बी निगेटिव आते हैं।

बचती हैं 4 जिंदगियां

एक यूनिट ब्लड से 4 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। एक यूनिट ब्लड को पैक्ड रेड सेल्स, प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और क्रायोप्रसिपिटेट में डिवाइड करके प्रिजर्व किया जाता है। इसमें रेड सेल्स को एनीमिया, एक्सीडेंटल केसेज आदि के पेशेंट को चढ़ाया जाता है, प्लाज्मा ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स और बर्निंग के केसेज में यूज होता है। प्लेटलेट्स को बर्निंग और डेंगू के  लिए और क्रायोप्रेसिपेटेट हीमोफीलिया के पेशेंट्स के लिए यूज किया जाता है। इनमें रेड सेल्स को 35 दिन, प्लाज्मा को

40 डिग्री सेंटीग्रेड पर एक साल और प्लेटलेट्स को 5 दिन तक रखा जा सकता है।

आप भी जुड़ सकते हैं

अगर आप भी जेसीज इंटरनेशनल के कैंपेन से जुडऩा चाहते हैं तो यह बहुत ही आसान है। आपको सिर्फ एक फोन कॉल करके अपना नंबर रजिस्टर कराना होगा। उसके बाद जब भी आपकी जरूरत होगी तो आपको संस्था की ओर से कॉल करके बुलाया जाएगा। इसके लिए आपको किसी भी तरह का खर्च नहीं करना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आप 91-9837071566 पर कॉल कर सक ते हैं।

It is my duty

वंदना भारद्वाज का ब्लड ग्रुप निगेटिव है, जो बहुत ही रेयरेस्ट है। जब भी कभी किसी क ो जिंदगी बचाने के  लिए इस गु्रप के ब्लड की जरूरत होती है तो वह मौके पर मौजूद रहती हैं। जिंदगी बचाने के लिए ब्लड डोनेशन को वह अपनी ड्यूटी मानती हैं। उनकी तत्परता क ा अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर में पहली बार लगे कफ्र्यू के दौरान डीडीपुरम में घायल एक व्यक्ति को ब्लड देने के लिए खुद कार ड्राइव करके आईएमए पहुंचीं और ब्लड डोनेट किया। डॉक्टर्स ने घायल को बचाने के लिए तुरंत ही ब्लड अरेंज करने के लिए कहा था। वहीं वंदना कहती हैं कि यह तो उनकी ड्यूटी है। अगर उनके ब्लड डोनेशन से किसी की जान बचती है, तो वह स्वयं को खुशकिस्मत समझती हैं। उनके मुताबिक ब्लड डोनेशन के लिए वह खुद ही कार ड्राइव करके जाती हैं और वहां से वापस आने के लिए खुद ही ड्राइव करती हैं। कहती हैं, मुझे इसमें कोई वीकनेस फील नहीं होती है।

4 times in a year

हरजीत बिंद्रा लास्ट 15 ईयर्स से रेग्युलर ब्लड डोनर हैं। वह ईयरली 4 टाइम्स ब्लड डोनेट करते हैं। हरजीत जेसीज के नीड ब्लड कॉल जेसीज कैंपेन से जुड़े हुए हैं। जब भी उनके पास कोई कॉल आती है, तो वह इसके लिए तैयार रहते हैं। वह मानते हैं कि एक साल में चार यूनिट ब्लड देकर किसी जरूरतमंद की पूरी मदद करते हैं। इसके लिए उन्हें ज्यादा समय भी नहीं देना होता है। वहीं जब भी किसी को जरूरत होती है तो कैंपेन के जरिए उनसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है। वहीं इस कैंपेन से जुड़कर उन्हें लगता है कि वह एक नेक काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें कोई खास एफर्ट भी नहीं करना होता है और इससे उनकी सेहत भी ठीक रहती है।

Always ready to save a life

कविता गोयल लास्ट 6 ईयर्स से इस कैंपेन से जुड़ी हैं। खास बात यह है कि उनका ब्लड ग्रुप रेयरेस्ट है। कविता कहती हैं कि जब से कैंपेन से जुड़ी हैं, तब से ही वह हमेशा कॉल पर मौजूद रहती हैं। उन्हें पता है कि उनका ब्लड ग्रुप ऐसा है, जिसकी जरूरत बहुत कम होती है। पर यह इमरजेंसी का ही समय होता है। अगर मैं सिटी में मौजूद हूं तो मैं डोनेशन के लिए जरूर जाती हूं। जब इस कैंपेन से जुड़ी थीं, तब उन्होंने इसे इतनी गंभीरता से नहीं लिया था, पर जब किसी की जिंदगी बचती है तो खुद को बहुत सुकू न होता है।

 'ब्लड बैंक में लिए जाने वाले ब्लड के 96 टेस्ट किए जाते हैं। इनमें अलाइजा, हेपिटाइटिस, एचआईवी प्रमुख हैं। प्रोफेशनल डोनर्स को एक सॉफ्टवेयर के जरिए बैन कर दिया गया है। इससे ब्लड  की क्वालिटी उम्दा बनी रहती है.'

डॉ। अंजू उप्पल, डायरेक्टर, आईएमए ब्लड बैंक

'ब्लड डोनेशन के लिए यूं तो कई कैंप लगते रहते हैं, पर इसमें आने वाला ब्लड निश्चित समय में यूज ना होने पर वेस्ट हो जाता है। इसलिए मैंने डिमांड पर ब्लड डोनेट करने वालों का गु्रप तैयार किया है.'

राजीव सिंघल, फाउंडर एंड कोऑर्डिनेटर,

नीड ब्लड कॉल जेसीज कैंपेन

Report by- nidhi gupta