गोरखपुर (ब्यूरो)।लाइसेंस के बिना हजारों अभ्यर्थियों का काम रुका है और उनकी परेशानी बढ़ती जा रही। इसके बाद भी जिम्मेदार संज्ञान नहीं ले रहे।

केस 1-अवनीश कुमार पटेल ने 12 जनवरी को परमनेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट में वह सफल हो गए थे। पांच माह हो गया, लेकिन अभी तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिला है।

केस 2-अमरेंद्र कुमार प्रजापति 20 मार्च को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। टेस्ट पास होने के बाद करीब तीन माह से लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं। परेशान है कि कहीं लाइसेंस गायब ना हो जाए।

केस 3- मोहसिन खान ने 21 मार्च को परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट दिया था। लाइसेंस के लिए हर दिन डाकघर और डीटीआई का चक्कर लगा रहे लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिल पाया है।

यह केसेज तो सिर्फ एग्जामपल भर हैं। शहीद बंधू सिंह ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (डीटीआई) चरगांवा में टेस्ट पास करने के बाद भी सैकड़ों लोग परमनेंट ड्राइविंग लाइसेंस का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें लाइसेंस नहीं मिल सका है। प्रदेश के अन्य जिलों की स्थिति भी यही है। गोरखपुर के करीब 10 हजार और प्रदेश के लगभग एक लाख तीस हजार अभ्यर्थी पिछले लगभग कई माह से स्मार्ट कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। लाइसेंस के बिना हजारों अभ्यर्थियों का काम रुका है और उनकी परेशानी बढ़ती जा रही। इसके बाद भी जिम्मेदार संज्ञान नहीं ले रहे।

दस दिन में पहुंचना चाहिए लाइसेंस

नियमानुसार डाक के माध्यम से आठ से दस दिन में ड्राइविंग लाइसेंस पहुंच जाना चाहिए, लेकिन अगस्त से ही अभ्यर्थियों को समय से लाइसेंस नहीं मिल रहा। निर्धारित पते पर पहुंचने में महीनों लग जा रहे। परेशान अभ्यर्थी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर और परिवहन विभाग पहुंच रहे हैं, लेकिन निराशा ही हाथ लग रही हैं। जिले के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी हाथ खड़े कर दे रहे हैं। उनका कहना है कि जिला हेडक्वार्टर पर सिर्फ टेस्ट लिए जाते हैं। जिले की रिपोर्ट के आधार पर हेडक्वार्टर लखनऊ में स्मार्ट कार्ड के रूप में ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं और अभ्यर्थी के निर्धारित पते पर भेजे जाते हैं। इस कार्य के लिए प्राइवेट एजेंसी नामित की गई है। गोरखपुर में प्रत्येक दिन लगभग 50 से 60 परमानेंट और 30 से 40 नवीनीकरण ड्राइविंग लाइसेंस बनते हैं।

अभ्यर्थियों को समय से ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक दो हजार अभ्यर्थियों को स्मार्ट ड्राइविंग लाइसेंस कार्ड उनके पते पर पहुंच गए हैं। सिर्फ 10 हजार ड्राइविंग लाइसेंस पेडिंग हैं। इसके लिए हेडक्वार्टर लखनऊ से संपर्क कर मंगवाया जा रहा है।

- राघव कुशवाहा, आरआई डीटीआई चरगांवा