-गोरखपुर में बाढ़ की चपेट में आए 84 बेसिक स्कूल

-स्कूलों में नई जान डालने के लिए मांगा 121.46 करोड़ रुपए का बजट

-बजट पास होने पर स्कूलों की शुरु होगी मरम्मत

GORAKHPUR: कोरोना की वजह से बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी और जूनियर स्कूल बंद चल रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे भी स्कूल हैं जहां कोरोना का प्रकोप अगर थम भी जाए तो उसे खोला नहीं जा सकता है। गोरखपुर में बेसिक शिक्षा विभाग के 84 स्कूल बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इन स्कूलों में हजारों बच्चे पढ़ाई करते हैं। हजारों बच्चों के आपदा की चपेट में आए स्कूलों को नया जीवन देने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने शासन से 121.46 करोड़ रुपए का बजट मांगा है। बजट पास होने पर इन स्कूलों की मरम्मत शुरू की जाएगी।

टीचर का पहुंचना होता है स्कूल

शासन की मंशा के अनुसार स्कूल बंद होने के बाद भी टीचर को वहां जाना अनिवार्य है। बाढ़ की चपेट में आने के बाद स्कूल टीचर के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि वे स्कूल जाएं तो कहां पर अपना फाइल वर्क निपटाएं। स्कूल तो डूबा है।

चल रही बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई

बेसिक स्कूलों में भी बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। इसमें टीचर ने मेहनत कर कुछ-कुछ बच्चों को जोड़ा है। ज्यादातर बच्चों के पास मोबाइल ना होने से उनको जोड़ा नहीं जा सका। स्कूल जाने पर टीचर वहीं से बच्चों की पढ़ाई भी कराते हैं। कुछ टीचर तो पांच-पांच बच्चों को बुलाकर भी पढ़ा रहे हैं।

एक लाख से अधिक मांगी राशि

प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक स्कूलों के लिए एक लाख रुपए से अधिक की राशि की डिमांड भेजी गई है। स्कूलों के लिए सबसे कम 1. 30 लाख और सबसे अधिक 1.50 लाख रुपए की डिमांड की गई है। बांध से स्कूल में हुए नुकसान के आधार पर उसका बजट तैयार किया गया है। बजट आते ही स्कूलों में काम शुरू होगा। ताकि स्कूल खुलने पर बच्चे पढ़ाई कर सकें।

वर्जन-

गोरखपुर में 84 स्कूल बाढ़ की चपेट में आए हैं। इन स्कूलों को आपदा की लिस्ट में डालकर इन्हें दुरुस्त करने के लिए शासन से बजट की डिमांड की गई है। बजट मिलते ही स्कूलों में काम शुरू कराया जाएगा।

बीएन सिंह, बीएसए