गोरखपुर (ब्यूरो)। पंचायतीराज विभाग की तरफ से अभियान चलाकर इन सभी गलियों को खड़ंजा, इंटरलॉकिंग, सीसी या पिच करने का काम जल्द शुरू होगा। इसके लिए 350 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह धनराशि 15वें राज्य वित्त से खर्च की जाएगी। जरूरत पडऩे पर मनरेगा के तहत भी कुछ सड़कें बनाई जा सकती हैं।

कई गलियों में शुरू हो चुका है काम

बता दें, सिटी व आसपास एरिया में तेजी के साथ डेवलपमेंट हो रहा है। तेजी के साथ घरों के निर्माण भी चल रहे है। आसपास जिले के लोगों के लिए गोरखपुर लिविंग डेस्टिनेशन बन चुका है। ऐसे में जिनके घर बन चुके है, वह आज भी कच्ची सड़कों पर चलने को मजबूर है। पर पंचायतीराज विभाग की मानें तो रूरल एरिया के विलेजेज की गलियों को कच्ची से पक्की कराया जाएगा। इस काम से विलेज में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर डेवलप होंगे। विभाग के मुताबिक कई विलेज में गलियों को पक्का करने का काम शुरू हो चुका है।

डीएम के रिव्यू में सामने आई थी समस्या

दरअसल, डीएम विजय किरण आनंद की समीक्षा में बड़ी संख्या में गांवों में कच्ची गलियों की बात सामने आई थी। डीएम ने डीपीआरओ हिमांशु शेखर ठाकुर को सभी गांवों में कच्ची गलियों एवं सड़कों का सर्वे कराने का निर्देश दिया था। सर्वे में कच्ची गलियों की वास्तविक संख्या सामने आई है, जिसपर डीएम ने अभियान चलाकर सभी गलियों को पक्का करने को कहा।

किस ब्लॉक में कितनी गलियां कच्ची

ब्लॉक ------- गली---- लंबाई

कैंपियरगंज - 1103 --- 200 किमी।

बेलघाट ---- 1165 --- 138 किमी।

चरगांवा ----- 439 ---- 53 किमी।

सरदारनगर ---- 266 ----- 48 किमी।

जंगल कौडिय़ा -- 540 ------- 78 किमी।

पाली -------- 1268 ------ 79 किमी।

खजनी ------- 934 -------- 113 किमी।

बांसगांव ------ 526 -------- 40 किमी।

कौड़ीराम ------ 774 --------- 112 किमी।

पिपराइच ------- 1077 ------- 106 किमी।

भटहट --------- 741 -------- 88 किमी।

उरुवां--------- 450 --------- 92 किमी।

गोला --------- 588 --------- 16 किमी।

बड़हलगंज ------ 803 --------- 112 किमी ।

पिपरौली -------- 570 --------- 78 किमी।

खोराबार -------- 163 --------- 16 किमी।

गगहा --------- 598 ---------- 43 किमी।

सहजनवां ------- 334 ---------- 38 किमी।

भरोहिया -------- 488 --------- 62 किमी।

जिले भर में 13 हजार से ज्यादा कच्ची गलियां है। इन सभी जगहों पर कच्ची गलियों को पक्की करने का काम शुरू कर दिया गया है। इसका लोगों को लाभ भी मिलेगा। बड़े पैमाने पर गांवों में रोजगार के अवसर भी डेवलप होंगे।

हिमांशु शेखर ठाकुर, डीपीआरओ, पंचायती विभाग