-चाइल्ड लाइन में पिछले छह महीने में आई करीब 15 कम्प्लेन

-देर रात नाबालिग बेटी को मोबाइल पर बातें करते देख पिता ने कर दिया उसके शादी की तैयारी

-अफेयर को तोड़ने के लिए पैरेंट्स उठा रहे गलत कदम

GORAKHPUR: रात को जब भी उठता हूं तो बेटी के कमरे से फुसफुसाने की आवाज आती है। वह हमलोगों के पास न बैठकर दूसरे कमरे में मोबाइल पर लगी रहती है। घर से बहाना बनाकर घंटों बाहर घुमती रहती है। एक दिन जब रात को नींद खुली तो उसकी बातें सुना। मेरे हाथ पांव फुल गए। तब जाकर ये लगा कि बेटी को किसी ने बहला फुसला कर अपनी बातों के जाल में फंसा लिया है। अब इसकी जिंदगी बर्बाद होने से बचाने के लिए कुछ करना चाहिए। मन में विचार आया कि जल्द से जल्द अच्छा रिश्ता खोजकर अब इसकी शादी करना जरूरी है। ताकि बेटी की जिंदगी भर खुश रहे। इसीलिए मैंने अपनी नाबालिग बेटी की शादी का डिसिजन लिया। बाल विवाह रोकने पहुंची बाल संरक्षण की टीम और चाइल्ड लाइन के मेम्बर्स से एक पिता जो अपनी बेटी की चुपके से शादी कर रहा था उसने शेयर की।

आ रही बाल विवाह की कम्प्लेन

इस समय शासन प्रशासन स्तर से सभी अधिकारी अलर्ट मोड में हैं। खास तौर से बाल विवाह को रोकने के लिए अवेयरनेस से लगाए तमाम प्रोग्राम आर्गनाइज किए जा रहे हैं। चाइल्ड लाइन को-आर्डिनेटर ने बताया कि पिछले 6 महीने में करीब 15 कम्प्लेन बाल विवाह कराए जाने को लेकर आई। जिसकी जानकारी मिलते ही बताई गई जगह पर बाल संरक्षण टीम और पुलिस के साथ चाइल्ड लाइन मेम्बर्स पहुंचे और बाल विवाह रोका गया।

गरीबी के कारण ले लिया डिसिजन

इसी तरह गरीब घर के मुखिया ने बेटी को बड़ा होता देख कम उम्र में ही उसकी शादी की तैयारी शुरू कर दी। शादी की तैयारियों की बीच किसी ने इसकी कम्प्लेन चाइल्ड लाइन के हेल्प लाइन नम्बर पर की। इसके बाद एक्टिव टीम ने तुरंत पहुंच कर पुलिस की मदद से शादी रूकवाई। यहां पर पिता का कहना था कि बेटी बड़ी हो रही थी कहीं इसके साथ कुछ अनहोनी ना हो इसलिए मैंने उसकी शादी का डिसिजन लिया। अगर कुछ हो जाएगा तो मेरे पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि मैं उसके लिए कुछ कर संकू।

नाबालिग पोती का तय कर दिया रिश्ता

इसी तरह एक केस में नाबालिग लड़की के माता-पिता नहीं थे। इस कंडिशन में बुजुर्ग बाबा ने नाबालिग पोती का रिश्ता तय कर दिया। यहां पर भी कम्प्लेन के बाद टीम पहुंची और शादी का रूकवाया। यहां पर बाबा का कहना था कि मै तो बुजुर्ग हो चुका हूं। अगर मुझे कुछ हो गया तो पोती को कौन संभालेगा।

टीम करती है काउंसिलिंग

बाल सरंक्षण की टीम नाबालिग की शादी के बाद उसके घर के आसपास के जिम्मेदार और पुलिस को इसकी सूचना देती है। जो बार-बार लड़की के घर की निगरानी करते हैं। ताकि माता-पिता दोबारा ऐसा कदम ना उठा पाएं। वहीं कॉल कर बच्ची की काउंसिलिंग भी की जाती है।

वर्जन-

बेटी गलत हाथ में ना जाए इसलिए लोग बाल विवाह जैसा कदम उठा ले रहे हैं। इधर काफी मामले ऐसे आए हैं जिन्हें मौके पर जाकर रोका गया है।

मिठाई लाल गुप्ता, सीडब्ल्यूसी, बाल संरक्षण विभाग