बिहार से दिल्ली से जा रहे 19 बच्चे बरामद

एनजीओ, एएचटीयू ने कोनी में चलाया ऑपरेशन

बिहार के विभिन्न जगहों से टीनएजर्स को काम कराने के लिए विभिन्न जगहों पर भेजा जा रहा है। सोमवार को जगदीशपुर- कोनी मोड़ पर चेकिंग के दौरान बालश्रम के लिए ले जाए जा रहे 19 बच्चों को पुलिस ने बरामद किया। सभी को चाइल्ड लाइन को सौंप करके पुलिस ने मामले की छानबीन में जुटी है। इस मामले में सात के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस का कहना है कि बच्चों लालच देकर दिल्ली जाया जा रहा था। बस में नौ अन्य बच्चे भी मिले जिनके गार्जियन साथ थे। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई के बजाय समझाबुझाकर छोड़ दिया गया। एएचटीयू प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चों को दिल्ली जाने के मामले की जांच की जा रही है।

कोनी मोड़ के पास चेकिंग में हुई बरामदगी

बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य को-आर्डिनेटर सूर्य प्रताप मिश्रा को बिहार के अररिया से बच्चों को दिल्ली ले जाने की सूचना मिली। किसी ने बताया कि बसों में बैठाकर बच्चों को दिल्ली जाने वाला रैकेट एक्टिव है। इस रैकेट के लोग जगदीशपुर-कोनी मोड़ होते हुए फोर लेन से गुजरेंगे। सूर्य प्रताप ने इस संबंध में एएचटीयू को जानकारी दी। एएचटीयू के प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने इसकी सूचना जगदीशपुर चौकी इंचार्ज संजय सिंह को दी। हेड कांस्टेबल नीरज सिंह, कांस्टेबल बृज किशोर सिंह, अमिताभ बच्चन, सतीश जायसवाल और विनोद कुमार मौर्या की टीम ने कोनी मोड़ पर चेकिंग शुरू कर दी। सोमवार सुबह साढ़े नौ बजे दो बसों में बैठाए गए कुल 19 बच्चे मिले, जिनकी उम्र 15 साल से कम थी। उनसे बात करने पर सामने आया कि काम दिलाने के बहाने दिल्ली जाया जा रहा था। बच्चों को ले जाने वाले सात लोगों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। उनके खिलाफ कैंट थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई।

ट्रेन में सख्ती से पकड़ने लगे बस

पुलिस की जांच में सामने आया कि ट्रेन में छोटे बच्चों, युवतियों और किशोरियों के ले जाने पर एनजीओ और एएचटीयू की सक्रियता रहती है। ऐसे में मानव तस्करी करने वाले, बच्चों को मजदूरी कराने के लिए बाहर ले जाने वाले लोगों ने अपना तरीका बदल दिया है। ट्रेन के बजाय सीधे बसों में बुकिंग करके बच्चों को दिल्ली सहित अन्य जगहों पर ले जाया जा रहा है। इस रैकेट के लोग अपने साथ कुछ बच्चों के गार्जियन भी रखते हैं। ताकि पुलिस की जांच में उनको कोई प्राब्लम न आए। पूछताछ में सामने आया कि बच्चों को मजदूरी कराने के लिए दिल्ली ले जाया जा रहा था। पहले भी तमाम बच्चों को कम रुपए में काम कराने के लिए पहुंचाया जा चुका है। लॉकडाउन में बहुत से श्रमिकों के गांव लौटने से दिल्ली सहित अन्य शहरों में मजदूरों की कमी हो गई है। सोमवार को बरामद हुए बच्चे मुस्लिम समुदाय के हैं। उनको मदरसे में पढ़ाने का झांसा भी दिया गया था।

पुलिस ने इनको किया अरेस्ट

मोहम्मद हाशिम, डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार

मोहम्मद जाहिद, डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार

इस्तयाक, गरगद्दी, अररिया, बिहार

शमशाद, गुरमही, सिमराहा, अररिया, बिहार

मुर्शीद, डुमरिया पिटी, मोहालगांव, अररिया, बिहार

मारूफ, जोकीहाट, अररिया, बिहार

नूर हसन, आमगच्छी, सिकटी, अररिया, बिहार

साहिद, गुरमही, सिमराहा, अररिया, बिहार

हसीब, आमागाछी, सिकटी, अररिया, बिहार

ह्यूमन ट्रैफिकिंग के टारगेट पर बिहार के बच्चे

पुलिस और सेफ सोसाइटी से जुड़े लोगों का कहना है कि बिहार से बच्चों की तस्करी के ज्यादा मामले सामने आए हैं। बच्चों को मजदूरी कराने के बहाने देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाया जाता है। उनके मां-बाप को भी रुपए का लालच देकर मानव तस्कर बाहर ले जाकर खतरनाक कामों में लगा देते हैं। जनवरी 2016 से लेकर मार्च 2020 के बीच हुई बरामदगी के आंकड़ों पर गौर करें तो हकीकत सामने आती है। इस दौरान कुल 114 बच्चों को बरामद किया गया जिनमें 63 बच्चे बिहार से दिल्ली सहित अन्य जगहों पर ले जाए जा रहे थे। दूसरे नंबर पर 13 बच्चे कुशीनगर के बरामद हुए थे। इन बच्चों में ज्यादातर बरामद किए बच्चे 10 से लेकर 15 साल की उम्र तक के हैं। आंकड़ों को देखते हुए कुल बरामद बच्चों में 52 ने स्कूलों का मुंह नहीं देखा, जबकि चौथीं, पांचवीं और छठवीं क्लास पढ़कर स्कूल छोड़ चुके बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा 12 है। इन बच्चों पर की गई स्टडी में यह भी पता लगा कि ज्यादातर 52 बच्चों को कांट्रेक्टर और दूसरे नंबर पर 42 बच्चों अननोन पर्सन उनके मोहल्ले से बाहर लेकर आए थे।

लोकेशन बच्चों की संख्या

बिहार 63

महराजगंज 04

देवरिया 03

गोरखपुर 05

कुशीनगर 13

संतकबीर नगर 05

सिद्धार्थनगर 05

बस्ती 02

बहराइच 01

यूपी के बाहर के 03

अन्य राज्य 08

नेपाल 02

कुल 114

एज ईयर चाइल्ड

17 05

16 09

15 18

14 16

13 18

12 20

11 07

10 15

09 02

07 02

06 01

05 01

सोस: सेफ सोसायटी, गोरखपुर की स्टडी पर आधारित।

सभी बच्चों को बाल मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। सूचना मिलने पर बसों की चेकिंग कराई गई तो 19 बच्चे मिले। सभी को चाइल्ड लाइन में रखकर उनके परिजनों को सूचना दी गई है। बच्चों को ले जाने वाले लोगों के खिलाफ कैंट थाना में मुकदमा दर्ज कराकर अरेस्ट कर लिया गया है। मामले की जांच जारी है।

अजीत प्रताप सिंह, प्रभारी, एएचटीयू, गोरखपुर