गोरखपुर (ब्यूरो)।यह बयां किया ओल्ड एज होम में रहने वाली माधुरी ने यूं तो इस दुनिया में मां से बढ़कर कोई नहीं होता है। लेकिन जब बच्चे ही अपने मां-बाप को वृद्धा आश्रम जाने पर मजबूर कर दें तो फिर ऐसे बच्चों पर सवाल उठना भी लाजिमी है। खैर, गोकुल धाम ओल्ड एज होम में रह रही माधुरी बताती हैैं कि उन्हें आंखों से दिखाई नहीं देता है। लेकिन उनके लिए उनका बेटा राम सिंह है, जो उनके खाने-पीने से लेकर उनके इलाज तक के लिए हमेशा तत्पर रहता है। उनकी आंखों की रोशनी कम हुई क्या कि आंखों के इलाज कराते हुए उन्हें चश्मा लगवा दिया। ओल्ड एज होम गोकुल धाम के सुप्रीटेंडेंट के लिए सिर्फ माधुरी ही मां नहीं हैं। बल्कि 32 बुजुर्ग महिलाएं हैैं। जिसके हमदर्द हैैं राम सिंह

प्रतिदिन करते हैैं बुजुर्गों की सेवा

बता दें, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित ओल्ड एज होम गोकुल धाम में इन दिनों कुल 32 बुजुर्ग महिलाएं हैैं। ओल्ड एज गोकुल धाम में आने के बाद उन्हें कभी किसी चीज की कमी नहीं होने दी। सभी वृद्ध महिलाओं की देखभाल, खान-पान, इलाज करवाने की जिम्मेदारी रामसिंह की है।

बेटे-बेटियों ने किया बेघर

गोरखनाथ की रहने वाली दुर्गा 70 वर्ष की हैैं। उन्हें सांस फूलने की बीमारी है। साथ ही पाइल्स की भी प्रॉब्लम है, लेकिन राम सिंह उनके सेहत का ख्याल रखने के साथ-साथ उनके खानपान का भी पूरा ख्याल रखते हैैं। दुर्गा बताती हैैं कि मेरे खुद के बेटे-बेटियों ने बेघर कर दिया, लेकिन उनसे बढ़कर मेरे लिए राम सिंह हैैं, जो मेरी सेहत का ख्याल रखते हैैं।

समय-समय पर प्रोवाइड करते हैैं दवाएं

गोकुल धाम में रह रहीं इसरावती (65) बताती हैैं। वह 2015 से बेघर हैैं। लेकिन उनके तीन बेटों ने वह प्यार नहीं दिया जो राम सिंह ने दिया। आंखों में दिक्कत थी, दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन इलाज के लिए आई स्पेशलिस्ट दिखाना और फिर आंख की सर्जरी करवाना, यह सबकुछ राम सिंह ने किया। यह मेरे आंखों का तारा है।

अच्छा लगता है सेवा करना

दरअसल, महराजगंज जिले के पनियरा ग्राम, कुंआ चाप निवासी राम सिंह गोकुल धाम के सुप्रीटेंडेंट हैैं। वह गोकुल धाम में ही रहते हैैं। बुजुर्गों की सेवा करते हैैं। राम सिंह के घर में मां-बाप, पत्नी, दो बेटे, दो बहनें व दो भाई के अलावा उनके घर में मौसी हैैं। राम सिंह बताते हैैं कि उन्हें सेवा करना बहुत अच्छा लगता है। मां-बाप ने जो संस्कार दिया है, वह आज काम आ रहा है।

गोकुल धाम में रहने वाले बुजुर्गों की देखभाल के लिए सुपरीटेंडेंट राम सिंह को तैनात किया गया है। वह सेवा भाव से अपना काम करते हैैं। यही वजह है कि गोकुल धाम की बुजुर्ग महिलाएं उन्हें अपने बेटे की तरह मानती हैैं

वीएन ंिसंह, समाज कल्याण अधिकारी