गोरखपुर (ब्यूरो)।इस दौरान सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सहारा दिया और बूथ तक पहुंचाया। बूथ के अंदर बैठे कर्मी ने लिस्ट में नाम देखकर आधार कार्ड और वोटर आईडी मांगी। इसके बाद दूसरे कर्मी ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाना के बाद उनके बाएं हाथ की अंगुली में स्याही लगवाई। यह प्रकिया होने के बाद उन्होंने पहले मेयर पद के प्रत्याशी के चुनाव चिह्न पर बटन दबाया। इसके बाद पार्षद पद के प्रत्याशी के चुनाव चिह्न पर बटन दबाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने बताया, पिछले 40 साल से लोकसभा, विधानसभा और नगर निकाय चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं.Ó पोलिंग बूथों पर कुछ ऐसी प्रक्रिया के साथ वोटिंग हुई। नई 'शहर सरकारÓ के गठन हेतु वोटिंग के लिए गोरखपुराइट्स गुरुवार को सुबह से निकल पड़े। बूथों पर वोटर्स के पहुंचने का सिलसिला दिनभर जारी रहा।

आइडेंटिटी प्रूफ मांगा, फिर पड़ा वोट

मतदान केंद्र की लोकेशन लेकर मतदाता, स्लिप लेकर पहुंचे। वोटिंग के लिए मतदाताओं से 12 तरह के आइडेेंटिटी प्रूफ मांगे गए। मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, सर्विस पहचान पत्र, पासबुक, पैन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, आधार कार्ड के साथ बूथों पर पहुंचे वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

सुबह से ही वोट करने के लिए उत्साहित थी। घर का काम खत्म करने के बाद चुनाव बूथ पर पहुंची और अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

संजू त्रिपाठी, पुलिस लाइंस

लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सुबह से ही वोटिंग बूथ पर पहुंचने की जल्दी थी। इसलिए सभी काम छोड़ कर पहले वोटर लिस्ट में अपना नाम देखा और स्लीप लेकर बूथ पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

रविप्रकाश त्रिपाठी, पुलिस लाइंस

मैं हर बार चुनाव बूथ पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग करती हूं। सुबह ही घर का कार्य पूरा कर परिवार के साथ वोटिंग बूथ पर पहुंच कर मतदान किया।

मधुबाला पटेल, छोटेकाजीपुर

वोटिंग को लेकर सुबह से ही उत्साहित था। इस पर्व को छोडऩा नहीं चाह रहा था। इसलिए पहले ही पहुंचकर ईवीएम मशीन पर बटन दबाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

अमन, छोटेकाजीपुर

मेरी उम्र 68 साल हो गई है। लोकसभा, विधान सभा और नगर निकाय चुनाव में 40 साल से वोटिंग कर रहा हूं।

अशरफी लाल, जंगल सालिगराम

मतदान हमारा अधिकार है। पांच साल में एक बार मौका मिलता है कि साफ सुथरी सरकार का चयन करें। इसलिए इसे मिस नहीं करना है। औरों का भी मतदान करने की सलाह देता हूं।

सर्वजीत मल्ल, मानस विहार कॉलोनी