गोरखपुर (ब्यूरो)। अध्यक्षता करते हुए डीडीयूजीयू के वीसी प्रो। राजेश सिंह ने कहा कि एनईपी के अंतर्गत लागू होने वाले नवाचारों के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों के लिए सभी संस्थानों को तैयार रहना होगा। चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स जैसी प्रणाली को यदि ठीक से समझ लिया जाए तो यह बहुत आसान प्रक्रिया है।
एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का खोला जाएगा अकाउंट
एचआरडी सेंटर के निदेशक प्रो। रजनीकांत पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश एवं सुझाए गए विषयों पर तीसरी राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स विषय चर्चा के लिए था। समन्वयक एवं अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो। अजय कुमार शुक्ला ने कहा कि एबीसी प्रावधान के तहत एकेडमिक बैंक में स्टूडेंट का अकाउंट खोला जाएगा। यह कॉमर्शियल बैंक की तरह काम करेगा। इसके बाद विद्यार्थी को एक स्पेशल आईडी और एसओपी का पालन करना होगा। इस दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 251 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में ऑनलाइन सहभागिता की।