गोरखपुर (ब्यूरो)। फर्म, एजेंसी या कंपनी के आगे ही निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पैसेंजर्स को बेहतर और हाईटेक सुविधाएं देने के उद््देश्य से राजकोट मॉडल की तर्ज पर गोरखपुर बस स्टेशन तैयार होगा।

अभी बदहाल है बस स्टेशन परिसर

गोरखपुर बस स्टेशन परिसर के भवन जर्जर हो चुके हैं। कर्मचारी डरे सहमे रहते हैं। पैसेंजर्स के लिए न वेटिंग हाल है और न समुचित प्रसाधन केंद्र। बैठने तक की कोई व्यवस्था नहीं हैं। ऐसे में निगम की चिंता बढ़ती जा रही है। वहीं गोरखपुर के कचहरी और नौसड़ बस स्टेशन का कायाकल्प हो चुका है।

पांच साल से हो रही कायाकल्प की तैयारी

पीपीपी मॉडल पर गोरखपुर बस स्टेशन के निर्माण की तैयार पांच वर्ष से हो रही है लेकिन अभी तक किसी कंपनी या फर्म ने रूचि नहीं दिखाई है। इसके लिए लगभग 26 करोड़ रुपए के बजट का प्रस्ताव तैयार है।

40 से 45 हजार लोग करते हैं आवागमन

गोरखपुर बस स्टेशन से प्रतिदिन विभिन्न डिपो से लगभग 770 बसे आवागमन करती हैं, जिसमें गोरखपुर डिपो की ही 80 हैं। इस बसों से 40 से 45 हजार लोग यात्रा करते हैं। बसों से रोडवेज को 18 से 20 लाख की कमाई होती है।

बशारतपुर में शिफ्ट हो गई है वर्कशॉप

एआरएम एके मिश्रा के अनुसार गोरखपुर स्टेशन को पीपीपी मॉडल पर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू है। गोरखपुर डिपो का वर्कशॉप भी बशारतपुर स्थानांतरित की जा चुकी हैं। बस स्टेशन परिसर में वर्कशॉप के स्थानांतरित हो जाने से पर्याप्त जगह मिल जाएगी।

निर्माण के बाद ऐसा होगा गोरखपुर बस स्टेशन

-बस अड्डा दो मंजिला बनेगा, नीचे बसें चलेंगी और ऊपर शॉपिंग कॉम्पलेक्स होगा।

-बस स्टेशन पूरी तरह वातानुकूलित होगा, सीसी कैमरे से 24 घंटे होती रहेगी निगरानी

-खानपान का स्टाल होगा, अति आधुनिक संसाधन केंद्र बनेगा, पानी की सुविधा होगी।

-वेटिंग में मनोरंजन के लिए टीवी लगी रहेगी, डिस्प्ले बोर्ड पर बसों की जानकारी मिलेगी।

-हर रूट पर जाने वाली बसों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म बनेंगे।

-बिहार और काठमांडू बस सेवा के लिए अलग से प्लेटफार्म तैयार होंगे।

-स्टेशन परिसर में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट बनेंगे।

पीपीपी मॉडल पर गोरखपुर बस स्टेशन को बनाने के लिए मुख्यालय की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टेंडर भी जारी किए जा रहे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

एके मिश्रा, एआरएम, गोरखपुर डिपो