गोरखपुर (ब्यूरो)।मुख्य अतिथि एमएमएमयूटी के आचार्य प्रो। गोविंद पांडेय ने कहा कि शिक्षा में अपेक्षित परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन कराना न्यास का उद्देश्य है। एमएमएम पीजी कॉलेज, भाटपार रानी के प्रो। सुधीर शुक्ल ने कहा कि न्यास की स्थापना ही शिक्षा में सुधार के लिए हुई है। प्रांतीय संरक्षक डॉ। मयंकेश्वर नाथ पांडेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि शिक्षा में समानता लाना न्यास की प्राथमिकता है। द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में जननायक यूनिवर्सिटी बलिया के कुलपति प्रो। संजीव गुप्त ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऐसी शिक्षा की बात की गई है जो छात्रों में ज्ञानवर्धन के साथ-साथ संस्कारों का भी निर्माण करती है। इसके माध्यम से युवाओं को कौशल विकास के लिए प्रेरित करने के साथ हीं हमें चरित्र निर्माण के लिए प्राथमिक स्तर से ही प्रयास करना होगा।
शिक्षा में आर्थिक सुधार की आवश्यकता
गुआक्टा के अध्यक्ष प्रो। केडी तिवारी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में आर्थिक सुधार की आवश्यकता है जिससे शिक्षा नीति के उद्देश्यों को पूर्णत: प्राप्त किया जा सकता है। प्रांत अध्यक्ष प्रो। विनय सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति समस्या नहीं समाधान की नीति है। इसका क्रियान्वयन शीघ्र होना देश के लिए आवश्यक है। इसलिए न्यास देश भर में विभिन्न कार्यशालाओं के माध्यम से क्रियान्वयन पर बल दे रही है। इस अवसर पर डॉ। प्रांगेश मिश्र, डॉ। चारुशीला सिंह, डॉ। विजय तिवारी, डॉ। विनय कुमार मिश्र, डॉ। केएन मिश्र, डॉ। भुवनेश्वर शरण मिश्र आदि मौजूद रहे।