गोरखपुर (ब्यूरो): नेपाल से वाया गोरखपुर से बिहार तक तस्करों का एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है। जीआरपी व आरपीएफ की ओर से एनई रेलवे में अपराध पर लगाम कसने के लिए 'ऑपरेशन धरोहरÓ चलाया जा रहा है। इसी के तहत गुरुवार को सीआईबी हेड क्वार्टर इंस्पेक्टर नरेन्द्र यादव और देवेन्द्र प्रताप को सूचना मिली कि कुछ तस्कर नेपाल से लाकर बेशकीमती अष्टधातु की मूर्ति बिहार के तस्करों को बेचने की फिराक में हैं। इस बीच टीम को तस्करों की लोकेशन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 9 पर मिली। टीम ने तत्काल जीआरपी और आरपीएफ के सहयोग से घेराबंदी शुरू कर दी और यहां संदिग्ध हालत में 4 आरोपितों को दबोच लिया। तलाशी के दौरान उनके पास से भगवान बुध की अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति बरामद हुई, जिसका वजन 12.320 किलो है।

12 करोड़ में हुई थी डील

पकड़े गए आरोपितों की पहचान शैलेन्द्र कुमार निवासी ग्राम बढऩी, पीपीगंज गोरखपुर, प्रह्लाद प्रसाद निवासी हर्रेया, अम्बेडकरनगर, सोनू कुमार ओझा निवासी ग्राम धनगरोह, थाना बिन्यापुर, छपरा बिहार और सुधीर कुमार मिश्रा निवासी सुल्तानपुर थाना रघुनाथपुर जिला सिवान बिहार के रूप में हुई है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वह इस मूर्ति को अपने अन्य साथी बनारसी प्रसाद निवासी बढऩी, पीपीगंज गोरखपुर के साथ मिलकर नेपाल से तस्करी कर लाए हैं और अब इसे वे बिहार के तस्करों को बेचने के लिए ले जा रहे हैं। इसके लिए उनकी तस्करों से 12 करोड़ रुपए में डील भी हो चुकी है।

पुरातत्व विभाग से कराई जांच

आरपीएफ इंस्पेक्टर मनोज सिन्हा ने बताया कि टीम ने बरामद मूर्ति की जांच पुरातत्व विभाग गोरखपुर से कराई है। इसमें पता चला कि बरामद मूर्ति अष्टधातु से बनी 8वीं शताब्दी की अंत्यत ऐतिहासिक व दुर्लभ होने के साथ ही बेशकीमती है। विभाग ने टीम को मूर्ति की जांच से संबंधित प्रमाण पत्र भी दिया। इंटरनेशनल बाजार में बरामद मूर्ति की कीमत 12 करोड़ बताई जा रही है। इस मामले में जीआरपी ने केस रजिस्टर्ड कर लिया है।