- कोटा में पढ़ने वाले छात्रों की वापसी रही जारी

- 49 बसों में गोरखपुर के 533 स्टूडेंट्स की वापसी

GORAKHPUR: लॉकडाउन लागू होने पर हमारी चिंता बढ़ गई थी। हम रोजाना फोन से हालचाल लेते थे। बेटा कहता था कि प्रॉब्लम हो रही है। बिल्कुल ही अच्छा नहीं लग रहा है। फिर हमारी धड़कने बढ़ जाती थीं। रात में बेचैनी के कारण नींद उड़ गई। पत्‍‌नी शशि का भी यही हाल था। मोबाइल पर वीडियो कॉल से बेटे से बात कर लेते थे लेकिन दिल को तसल्ली नहीं मिलती थी। घर आने के लिए कोटा के डीएम से भी मेरा बेटा मिला लेकिन उन्होंने घर भेजने की व्यवस्था करने से मना कर दिया। उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुलेगा तो बेटे से कहेंगे कि किसी तरह से चला आए। जब मालूम हुआ कि मुख्यमंत्री ने पहल की है तो जान में जान आई। बेटे के घर पहुंचने का बेसब्री से इंतजार था। यह कहना है कुसम्ही निवासी उमेश वर्मा का जिनका बेटा प्रियांशु नीट की तैयारी के लिए दो माह पूर्व कोटा गया था। रविवार की रात बेटे के घर पहुंचने पर परिजनों को तसल्ली मिल सकी। उनके बुझे हुए चेहरे पर रौनक लौट सकी।

सीएम का जताया आभार

सोमवार को भी कोटा से बसों के आने का सिलसिला जारी रहा। सोमवार की शाम चार बजे तक 49 बसों में गोरखपुर जिले के 533 छात्र- छात्राएं पहुंच चुके थे। कुछ अन्य बसों से सौ से सवा सौ छात्रों के लौटने का इंतजार उनके परिजन कर रहे थे। सोमवार को सहजनवां पहुंचे छात्रों की थर्मल स्कैनिंग के बाद ही घर जाने की अनुमति मिल पा रही थी। कोटा से आए छात्रों को उनके घरों में क्वारंटाइन किया जाएगा। इसलिए परिजनों के साथ सभी को घर भेजा गया। जिनके गार्जियन नहीं पहुंच सके थे उनको रूट वाइज चार्ट बनाकर घर पहुंचाया गया। सेामवार की देर रात तक कुछ बच्चों के गार्जियन उनके लौटने का इंतजार करते रहे। घर पहुंचने वाले बच्चों के गार्जियन ने सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया।

वर्जन

शासन के निर्देश पर बसों से आए सभी स्टूडेंट्स की मेडिकल टीम से थर्मल स्कैनिंग कराई गई। हाथ धुलवाकर सभी को मास्क दिया गया। बच्चों के लिए बिस्किट, चाय और लंच पैकेट की व्यवस्था की गई थी। जांच में सभी स्वस्थ पाए गए। उनको घर में क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। यदि कोई छात्र संदिग्ध पाया गया तो उसे आइसोलेशन में भेजा जाएगा। मुरारी इंटर कॉलेज सहजनवां में 100 बेड आरक्षित किए गए हैं।

अनुज मलिक, ज्वॉइंट मजिस्ट्रेट- एसडीएम सहजनवां