-ठंड के मौसम से शुरू हुई मरम्मत अभी तक नहीं हुई खत्म, आगे भी जारी रहेगी बिजली कटौती

-औसतन महीने में सात दिन गुल रहती है बिजली

GORAKHPUR: शहर में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली उपभोक्ताओं की प्रॉब्लम बढ़ती जा रही है। बिजली सप्लाई को बेहतर बनाने के लिए साढ़े छह माह से चल रहे काम के बहाने जमकर कटौती की जा रही है। करीब छह माह से निगम के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार मिलकर काम करा रहे हैं। लापरवाही का आलम यह है कि कहीं पर भी मरम्मत कार्य पूरा नहीं कराया जा सका है। मई में 20 दिन निकल गया, लेकिन कटौती से पब्लिक को राहत नहीं मिल सकी। बिजली अधिकारियों का कहना है कि अभी जो समस्याएं सामने आ रही हैं। उनको 70 फीसदी तक ठीक कर लिया गया है। आने वाले समय में पब्लिक को काफी राहत मिलेगी।

साढ़े छह माह से चल रहा सुधार कार्य

शहर में बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए विभिन्न सब स्टेशनों पर मरम्मत और सुधार कार्य चल रहे हैं। नवंबर से शुरू वर्क मई के तीसरे हफ्ते तक पूरा नहीं कराया जा सका है। बिजली निगम के अधिकारियों ने दावा किया था कि गर्मी में समस्या से निजात मिल जाएगी। लेकिन सुस्त कामकाज और धीमी रफ्तार ने पूरा माहौल बिगाड़ कर रख दिया है। इस साल पांच माह बाद भी बिजली निगम के अधिकारी अपने वादों को पूरा नहीं कर सके। लापरवाही की वजह से रोजाना शहर के लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। साढ़े छह माह में व्यवस्था सुधारने के नाम पर करीब 720 घंटे बिजली काटी गई है। व्यवस्था बदलने में अभी कितना वक्त लगेगा। इसके बारे में अधिकारी कुछ नहीं कह पा रहे हैं। हालांकि रमजान शुरू होने से कुछ मोहल्लों को कटौती से राहत देने की बात भी सामने आई है।

हर माह औसतन सात दिन कटी बिजली

शहर में मरम्मत के नाम पर हर माह औसतन सात दिन बिजली काटी गई है। रविवार और अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के अलावा सीएम के आगमन पर सुधार कार्य बंद रखा जाता है। इस दौरान किसी मोहल्ले में कटौती नहीं की जाती। बिजली निगम से जुड़े लोगों का कहना है कि छह माह के अंदर प्रतिमाह औसतन सात दिन बिजली काटी गई है। पहले बताया गया था कि गर्मी में बिजली न काटने का फैसला लिया गया था। 18 दिनों तक बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से समस्या घटने के बजाए बढ़ती चली गई। इस दौरान लोकल फॉल्ट, शॉर्ट सर्किट सहित अन्य समस्याओं के कारण दो सौ घंटे से अधिक बिजली काटी जा चुकी हैं। जबकि आंधी-पानी में दो से तीन दिनों तक प्रॉब्लम पब्लिक को झेलनी पड़ी।

इस काम के लिए काटी गई बिजली

डबल सर्किटिंग, फीडर ब्राइफ्रिकेशन, सिस्टम इम्प्रूवमेंट, सब स्टेशन की मरम्मत, बिजली तारों को छू रहे पेड़ों की कटाई-छंटाई।

विभिन्न जगहों पर इतने घंटे कटी बिजली

सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक

सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक

सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक

सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक

सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक

सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक

इन फीडर में हुई ज्यादातर कटौती

कोतवाली, दुर्गाबाड़ी, सूरजकुंड, हट्ठी माई स्थान, हवाई अड्डा, आवास विकास कॉलोनी, दिव्य नगर, कूड़ाघाट, सहारा स्टेट, टाउनहाल फीडर, बक्शीपुर, मेडिकल कॉलेज, राप्ती नगर फेज फोर, सिनेमा रोड, हेचरी विस्तार नगर, राजेंद्र नगर, रेल विहार, यूनिवर्सिटी, रुस्तमपुर, तारामंडल, बिछिया, साहबगंज, रामजानकी नगर फीडर सहित अन्य कई फीडर।

फैक्ट फिगर

- नवंबर माह से बिजली व्यवस्था में सुधार काम चल रहा है।

- हर माह कम से कम सात दिन की बिजली कटौती की गई है।

- रोजाना पांच से छह घंटे की कटौती पब्लिक ने झेली है।

- करीब 201 दिन में 720 घंटे शहर की बिजली काटी गई।

उपभोक्ता बढ़े, बढ़ती चल गई खपत

शहर में कुल बिजली उपभोक्ता - 1,71,300

वर्ष कुल बिजली मिली बिजली का कुल लोड उपभोक्ता

2018 978 मिलियन यूनिट 4.73 लाख किलोवाट 1 लाख 71 हजार 300

2017 926 मिलियन यूनिट 4.20 लाख किलोवाट 1 लाख 65 हजार

2016 895 मिलियन यूनिट 4.10 लाख किलोवाट 1 लाख 54 हजार

2015 867 मिलियन यूनिट 3.67 लाख किलोवाट 1 लाख 48 हजार

2014 840 मिलियन यूनिट 3.47 लाख किलोवाट 1 लाख 40 हजार

वर्जन

बिजली व्यवस्था में सुधार का ज्यादातर काम पूरा कराया जा चुका है। मेजर शट डाउन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मेडिकल कॉलेज और रुस्तमपुर में 33 केवीए की लाइन का काम पूरा हो चुका है। शाहपुर में थोड़ा काम बाकी रह गया है। जल्द ही इसे भी पूरा करा लिया जाएगा। इसके अलावा अंडर ग्राउंड वायरिंग, केबल और तार बदलने के काम चल रहे हैं।

- एके सिंह, एसई, विद्युत नगरीय वितरण मंडल