- बहनों की मुलाकात के लिए जेल प्रशासन ने किया खास इंतजाम

- भीड़ उमड़ने पर पुलिस लाइन से बुलाया गया अतिरिक्त पुलिस बल

GORAKHPUR: रक्षा बंधन पर भाइयों से मिलने के लिए मंडलीय कारागार में बहनों का तांता लगा रहा। जेल में बंद भाइयों को राखी बांधकर बहनों ने अपराध से तौबा करने की कसम ली। भाइयों ने वचन दिया जमानत पर छूटने के बाद वह दोबारा कभी जेल में नहीं आएंगे। रविवार को बहनों की भीड़ उमड़ने की संभावना में जेल प्रशासन ने खास इंतजाम किया था। सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर शाम चार बजे तक मुलाकात का सिलसिला चलता रहा। जेलर प्रेम सागर शुक्ला ने बताया कि भीतर जाने वाले मुलाकातियों की सुविधा के लिए पुलिस लाइन से अतिरिक्त महिला कांस्टेबल की ड्यूटी लगाई गई थी।

मिली सहूलियत, खिलाई मिठाई

जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए सुबह छह बजे बहनें पहुंच गई थीं। मुलाकात के लिए पर्ची लगाने का दौर शुरू हुआ तो भीड़ बढ़ती चली गई। सहूलियत देते हुए जेल प्रशासन ने सभी की मुलाकात सुनिश्चित कराने का फैसला लिया। इसलिए अतिरिक्त मैन पॉवर लगाकर मुलाकाती पर्ची बनाई गई। जेल गेट पर प्रवेश करने के दौरान भीतर जाने वाले सामानों की चेकिंग के लिए अलग से फोर्स लगा दी गई। औपचारिकता पूरी करने के बाद एक-एक करके महिलाओं को भीतर जाने दिया गया। हालांकि रोज की अपेक्षा रक्षा बंधन पर जेल प्रशासन ने मुलाकात में थोड़ी सहूलियत दी।

बांधी राखी, भावुक हो उठी बहनें

जेल में बंद भाइयों को राखी बांधते हुए कई बहनों की आंखों में आंसू भर आए। कुछ तो इतनी भावुक हो गई कि वह फूट-फूटकर रोने लगी। भाइयों को राखी बांधती हुई कई बहनों ने गिफ्ट के रूप में अपराध छोड़ने का वचन लिया। जेल में बंद करीब 1900 बंदियों में 300 से अधिक ऐसे हैं जिनको दो साल से जमानत नहीं मिल सकी है। ऐसे बंदियों ने जहां अपने वचन को दोहराया। वहीं नए बंदियों ने दोबारा कभी जेल न आने का संकल्प लिया।

इतने मुलाकातियों की बनी पर्ची

जेल में भाइयों से मिलने गई बहनें - 976

मुलाकात के लिए पहुंचे कुल पुरुष- 470

मुलाकात के लिए लाइन में लगे कुल बच्चे- 130

वर्जन

सुबह साढ़े 10 बजे से शाम चार बजे तक मुलाकात का सिलसिला चलता रहा। सुबह के समय ज्यादा भीड़ होने से थोड़ी समस्या आई। बाद में अतिरिक्त फोर्स लगाकर सभी बहनों के मुलाकात का मुकम्मल इंतजाम कराया गया। मिठाई ले जाने की इजाजत दी गई थी।

- प्रेम सागर शुक्ल, जेलर