-जिला बाल संरक्षण विभाग से फास्टर केयर स्कीम के तहत कोई भी बच्चा ले सकता है गोद

GORAKHPUR: अनाथ बच्चों की बेहतर परवरिश और लोगों को बच्चा गोद लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यूपी सरकार ने 'फास्टर केयर' योजना शुरू की है। इसके तहत बच्चा गोद लेने वाले परिजनों को हर महीने बच्चे के भारण पोषण के लिए दो हजार रुपए मिलेगा। बस इसके लिए आपको सीडब्लूसी के दफ्तर में आवेदन करना होगा। इसके बाद जांच कर बच्चा आपको सौंप दिया जाएगा।

फास्टर केयर से बढ़ेगी जागरुकता

अनाथ और निराश्रित बच्चों की देखरेख और संरक्षण के लिए समेकित बाल संरक्षण के तहत फॉस्टर केयर स्कीम 'पालक देखभाल योजना' चल रही है। इस स्कीम में बच्चों का बाल कल्याण समिति बकायदा सर्वे कर चयन करेगी। इसमें पात्र पाए जाने वाले बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया पूरी करेगी। संतानहीन या फिर किसी बच्चे को गोद लेने की तमन्ना रखने वाले लोग इस योजना का लाभ ले सकेंगे। पात्र अनाथ बच्चों को उन लोगों को ही गोद दिया जाएगा, जो देखरेख करने योग्य होंगे। बाल कल्याण समिति थानों से बच्चों को गोद लेने वालों का रिकार्ड बनाएगी। इससे पता किया जाएगा कि उनका आचरण कैसा है। मेडिकल सर्टिफिकेट भी लिया जाएगा, ताकि कोई बीमारी ग्रस्त तो नहीं है।

महिला कल्याण विभाग देगा सहायता राशि

बच्चों को गोद लेकर उनकी देखरेख करने वाले को महिला कल्याण विभाग हर महीने दो हजार रुपए देगी। ये राशि उसके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। खास बात यह है कि समिति बच्चे को गोद देने के बाद हर महीने फ्लोअप लेगी। इसमें पता किया जाएगा कि बच्चों को ठीक तरह से रखा जा रहा है या नहीं। बच्चा सही मिला तो ठीक अन्यथा उसे वापस ले लिया जाएगा। इसके लिए दो अवधि बनाई है। अल्पावधि में चार से छह माह और दीर्घावधि में छह माह से 18 साल तक के लिए बच्चों को गोद दिया जाएगा। बच्चों को परेशानी होने पर यह अवधि निरस्त भी कर दी जाएगी।

समिति करेगा प्वाइंट आउट

बाल कल्याण समिति बच्चों को तलाशने का काम शुरू करेगी। इसके लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी डॉ। पूनम शुक्ला के नेतृत्व में टीम इस स्कीम को अमलीजामा पहनाएगी। समिति के अधिकारियों की मानें तो इन बच्चों को गोद देने के बाद वापस सर्वे कराया जाएगा। उसमें बच्चे मिले तो उनको भी गोद दिया जाएगा। इससे बच्चे को इधर-उधर नहीं भटकना पड़े और उसको अच्छी शिक्षा तथा माता-पिता का प्यार मिल सके।

वर्जन

अनाथ और निराश्रित बच्चों को फास्टर केयर स्कीम के तहत कोई भी पर्सन गोद ले सकता है। उसको भरण पोषण के लिए हर महीने दो हजार रुपए की राशि दी जाएगी। इससे पहले पैरेंट्स की जांच-पड़ताल की जाएगी।

डॉ। पूनम शुक्ला, जिला बाल संरक्षण अधिकारी