- सिटी में अभी भी खुलेआम बिक रहा एसिड

- बिना आईडी या अड्रेस प्रूफ के दुकानदार थमा देते बॉटल

GORAKHPUR: एसिड अटैक का दर्द बयां करती दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' की चर्चा भले हर जुबां पर है लेकिन हकीकत में दुकानों पर खुलेआम बिकते 'मौत के इस सामान' पर किसी का ध्यान नहीं है। गोरखपुर की ही बात करें तो सीएम सिटी में ही खुलेआम एसिड धड़ल्ले से बिक रहा है। इस बात का खुलासा हुआ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में। जिसमें चौंकाने वाले हालात सामने आए। हाल ये कि बाजारों में खुलेमाम बिक रहे एसिड पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं है। वहीं, जिला प्रशासन के आला अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई के बजाए चुप्पी साधे हुए हैं।

बस आओ, बॉटल लेकर जाओ

10 जनवरी को देशभर में रिलीज हुई 'छपाक' ने सिस्टम के जिमेदारों की पोल खोलकर रख दी है। मूवी देखकर आए लोगों के बीच खुलेमाम बिकने वाले एसिड को लेकर गली-मोहल्लों में चर्चाएं भी शुरू हो चुकी हैं। इसे देखते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सिटी में एसिड की बिक्री को लेकर पड़ताल की। ज्यादातर मार्केट्स में आईडी मांगना और वजह पूछना तो दूर, दुकानदार चुपचाप एसिड की बॉटल पकड़ाते नजर आए।

स्पॉट - रेलवे स्टेशन रोड

टाइम - दोपहर 12.10 बजे

जब रिपोर्टर कैमरा पर्सन के साथ रेलवे स्टेशन पहुंचा तो वहां सबसे पहले पुलिस लाइन ग्राउंड की तरफ जा रही सड़क पर स्थित किराने की दुकान पर एसिड की मांग की। लेकिन दुकानदार के पास नहीं था। कहां मिलेगा पूछे जाने पर उसने आगे के किराने की दुकान पर मिलने की बात कही। महज कुछ दूरी पर श्री प्रोविजन स्टोर पर पहुंचने पर जब रिपोर्टर ने एसिड की मांग की तो दुकानदार ने फौरन एसिड की बॉटल निकालकर पकड़ा दी। लेकिन कैमरा देखते ही दुकानदार ने एसिड रखने की गलती मानते हुए अगली बार ऐसा नहीं करने की दुहाई देने लगा।

स्पॉट - बस स्टेशन रोड

टाइम - दोपहर 12.30 बजे

टीम बस स्टेशन रोड की तरफ जा रही सड़क के बाईं तरफ स्थित किराने की दुकान गुप्ता प्रोविजन स्टोर पर पहुंची। वहां दुकानदार से एसिड मांगा तो उसने तुरंत एसिड निकालकर दे दिया। लेकिन कैमरा देख दुकानदार चौंक गया। उसने पूछा फोटो क्यों क्लिक की जा रही है, तो रिपोर्टर ने दुकानदार को बताया कि एसिड बिकने को लेकर मूवी बन गई, लेकिन आप अभी भी एसिड बेच रहे हैं। इस पर दुकानदार ने कहा कि आगे से सेल्समैन से नहीं लेंगे।

स्पॉट - धर्मशाला मार्केट

टाइम - दोपहर 1.05 बजे

इसके बाद टीम धर्मशाला मार्केट में पहुंची जहां पर बिल्डिंग मैटेरियल का थोक मार्केट है। यहां एसिड का भी थोक व्यापार होता है। यहीं से फुटकर विक्रेता एसिड की खरीदारी करते हैं। जैसे ही रिपोर्टर अपने कैमरा पर्सन के साथ मारुति पेंट्स नाम की दुकान पर पहुंचा तो वहां दुकानदार ने फुटकर एसिड नहीं मिलने की बात कही। इस पर जब रिर्पोटर ने एसिड दिखाने की बात कही तो उसने एसिड दिखाया, लेकिन जैसे ही कैमरा देखा, उसने तुरंत अपनी बातों से पलटते हुए खुद के इस्तेमाल के लिए रखे होने की बात कहते हुए बात बनाने लगा।

गली-गली में बिक रहा एसिड

शहर में एसिड की बिक्री पर कोई रोकथाम नहीं है। हर जगह धड़ल्ले से इसे बेचा जाता है। टॉयलेट और फर्श क्लीन करने से लेकर बैट्री में डालने के लिए विभिन्न रूपों में इसकी बिक्री हो रही है। सावधानी इतनी बरती जा रही है कि उसे सामने रखने के बजाय दुकानदार स्टॉक में पीछे कहीं छिपा कर रखते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग ऑपरेशन में सिटी के प्रमुख चौराहों से लगाए गली-मोहल्ले की दुकानों में धड़ल्ले से एसिड बिकता मिला। लेकिन जिला प्रशासन के आला अधिकारी पूरी तरह से बेखखबर हैं।

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देना है सेल का रिकॉर्ड

अप्रैल 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में एसिड की बिक्री और स्टोर के नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। यूपी में एसिड का भंडारण और बिक्री यूपी जहर कब्जा और बिक्री नियम 2014 के तहत दर्ज किया गया है। तब सभी जिलों के डीएम को सर्कुलर जारी कर प्रदेश के मुख्य सचिव ने निर्देशित किया था कि 15 दिनों में व्यापारियों को एसडीएम के पास स्टॉक रिपोर्ट देना जरूरी है। गलत रिपोर्ट होने पर स्टॉक बंद कर दिया जाएगा। दुकानदार पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। हर एसिड व्यापारी के निरीक्षण की रिपोर्ट हर माह के सातवें दिन गृह विभाग को भेजने का निर्देश भी दिया गया था। इसके अलावा लाइसेंसधारक को हर एसिड विक्रेता का नाम और पते का रिकॉर्ड रखना होगा।

यहां होता है एसिड का यूज

- सोने-चांदी को गलाने और तैयार करने, गहनों की साफ -सफाई

- रेशम के कारोबार में भी सफाई के लिए एसिड यूज करते हैं।

- मेटल वायर से जुड़े कुछ कारखानों में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

- एसिड को डायल्यूट कर टॉयलेट क्लीनर बनाया जाता है।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डीडीयूजीयू केमेस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रो। ओपी पांडेय ने बताया कि टॉयलेट क्लीनर के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एसिड में हाइड्रोक्लोरिक एसिड होता है, जो बेहद नुकसानदायक होता है। नाइट्रिक एसिड और एचसील का मिश्रण किसी भी वस्तु को गला देगा। इसके साथ ही सल्फ्यूरिक एसिड और भी खतरनाक होता है जो हड्डी तक को गला देता है। दुकानदारों का कहना है कि मार्केट में नॉर्मली सल्फ्यूरिक एसिड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड बिकता है।

टीसी के नाम पर होती है सेलिंग

- बाथरूम में यूज होने वाले क्लीनर में दो से चार परसेंट तक एसिड होता है।

- 80 परसेंट तक डायल्यूट एसिड भी बॉडी के लिए खतरनाक होता है।

- मेटल को गलाने के लिए 60 परसेंट तक डायल्यूट एसिड का यूज किया जा सकता है।

- बाजार में 20 से 30 परसेंट तक डायल्यूट एसिड आसानी से मिल जाते हैं।

- इनके संपर्क में आने पर स्किन को काफी नुकसान पहुंच सकता है। जख्म ज्यादा होने पर जान जा सकती है।

क्या हैं नियम

- 18 साल से कम उम्र के बच्चों को तेजाब नहीं बेचा जाएगा।

- एसिड की खरीद-बिक्री के लिए दुकानदारों को अलग से एक रजिस्टर रखना होगा।

- बिना पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ और इस्तेमाल की वजह पूछे बिना नहीं दिया जाएगा।

- मेडिकल और एजुकेशन के उद्देश्य से थोक में एसिड खरीदने से पहले एसडीएम से आदेश लेना होगा।

- एसिड को लेकर दिए गए निर्देशों का अगर पालन नहीं होगा तो पचास हजार का जुर्माना ठोंका जाएगा।

- एसिड को लेकर तमाम निर्देशों पर स्थानीय भाषा में विज्ञापन भी देने का आदेश है।

- एसिड अटैक पीडि़त को कम से कम तीन लाख रुपए का मुआवजा।

- मुआवजे का एक लाख रुपए 15 दिनों के अंदर देना होगा।

- शेष दो लाख रुपए दो महीने के अंदर भुगतान करने का नियम।

वर्जन

एसिड बिक्री नहीं होनी चाहिए। इसके लिए जो गाइडलाइन हैं, उन्हीं को फॉलो करना होगा। किराने की दुकानों पर एसिड बिक रहा है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।

आरके श्रीवास्तव, एडीएम सिटी