- रोड सेफ्टी मंथ के नाम पर सिर्फ रैली, कैंप लगाकर हो रही खानापूर्ति

- आरटीओ की तरफ से नहीं उठा जा रहे अहम कदम

- रोड पर ही भरते हैं पैसेंजर लगता है जाम

GORAKHPUR: दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने, जाम की समस्या से निपटने और ट्रैफिक रूल्स के प्रति अवेयर करने के लिए रोड सेफ्टी मंथ मनाया जा रहा है। आलाधिकारी पब्लिक को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ा रहे हैं। यह रूल्स, यह कवायद सभी कुछ पब्लिक के लिए है। सरकारी महकमे के जिम्मेदार ऐसी कोई गलती करें, तो उन पर कोई एक्शन नहीं है। इसकी हकीकत परखनी है तो सिर्फ रोडवेज बस स्टेशन पहुंच जाएं। बेहतरतीब खड़ी पब्लिक की गाडि़यों का धड़ाधड़ चालान काटा जा रहा है, जबकि आए दिन स्टेशन पर जाम का कारण बनने वाली बसों पर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। बेतरतीब बसें आए दिन बस स्टेशन पर जाम का कारण बनी हुई हैं। इसकी वजह से पब्लिक को परेशानी फेस करनी ही पड़ रही है, जबकि जाम से जूझकर निकलने में भी उनके पसीने छूट रहे है।

सड़क पर ही भरते हैं सवारी

रेलवे बस स्टेशन पर कंडक्टर और ड्राइवर मेन सड़क पर ही बसों को खड़ा कर सवारी भर रहे हैं। इसकी वजह से आए दिन जाम लग जाता है। एक लेन में बसें सड़कों पर खड़ी रहती है, जबकि दूसरी लेन से गाडि़यों की आवाजाही होने से वहां रोड पर चलना और मुश्किल हो गया है। आलम यह है कि ड्राइवर बसों को खड़ा कर गायब हो जा रहे हैं, वहीं कंडक्टर पैसेंजंर्स को बैठाने में मशगूल हो जा रहे हैं, जिससे बाकी लोगों को मुसीबत फेस करनी पड़ रही है। रोडवेज बसों को तरतीब से खड़ा करने के लिए स्टेशन पर रोडवेज कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई हैं, लेकिन वह दिखाई नहीं देते हैं।

इधर भी देख लीजिए एआरटीओ साहब

कुसम्ही रोड पर ट्रैफिक नियम का पालन न करने वालों पर एआरटीओ प्रथम द्वारा चालान काटते नजर आए। उसके साथ यात्री कर अधिकारी भी दिखे, लेकिन उनकी नजर सरकारी वाहनों पर नहीं पड़ रही है। वह सिर्फ यहां पर पब्लिक की वाहनों का चालान काटने में व्यस्त दिखे।

यह है नियम

-बस स्टेशन परिसर के अंदर ही पैसेंजर बैठाएं।

-सिर्फ स्टॉपेज पर ही बस रोकने का नियम

-बस स्टेशन परिसर में ही बस खड़ी कर आराम करें।

-कंडक्टर बस के अंदर ही बैठकर टिकट काटेगा।

-बस स्टेशन के बाहर बस खड़ी करने पर 500 रुपए का जुर्माना।

-सड़क पर बस न खड़ी हो, इसके लिए टीआई व वीआईपी ड्राइवर्स की लगाई गई है ड्यूटी।

-रोड पर सड़क खड़ी कर ट्रैफिक विभाग में जुर्माना का प्रावधान।

रीजन में बसें--493

अनुबंधित बसें-307

एसी बसें-55

अन्य डिपो से आने वाली बसें-80

प्राइवेट बसों की संख्या करीब-250

प्राइवेट एसी बसों की संख्या-105

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रोड सेफ्टी मंथ में सिर्फ पब्लिक का चालान

बिना हेलमेट--635

बिना सीट बेल्ट--140

रिफ्लेक्टर-35

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रेलवे बस स्टेशन पर सड़क पर ही रोडवेज की बसें खड़ी होने की वजह से जाम लग जाता है। जिससे आए दिन हमें दिक्कत होती है., मगर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

आशुतोष तिवारी

रेलवे स्टेशन काफी बिजी एरिया है। रोडवेज बस स्टेशन और शहर को जाने के लिए इस रोड पर आवागमन ज्यादा होता है। आए दिन जाम की वजह से लोगों को दो चार होना पड़ता है।

विजय यादव

ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन जाम से निजात दिलाने के लिए तमाम नियम बनाए। साथ ही जुर्माना भी लगाते हैं। इसके बाद भी पब्लिक को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है।

स्नेहा मद्धेशिया

21 जनवरी से रोड सेफ्टी मंथ चल रहा है। इसके तहत अवेयरनेस कार्यक्रम किए जा रहे हैं, लेकिन पब्लिक की समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा। सिर्फ चालान काटा जा रहा है।

रोहित मौर्या

बसें परिसर में खड़ी करने का आदेश हैं, लेकिन कंडक्टर-ड्राइवर सड़क पर बसों को खड़ा कर सवारी भरते हैं। इसकी वजह से जाम लग जाता है। कईयों पर कार्रवाई भी की गई, लेकिन सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसलिए संबंधित अधिकारी को पत्र लिखा गया है।

- केके तिवारी, एआरएम गोरखपुर डिपो