- एक-एक क्यूबिक ऑक्सीजन का डीएम व कमिश्नर ले रहे रिपोर्ट

- सिटी के 37 कोविड प्राइवेट हॉस्पिटल को हर दो घंटे पर देना है ऑक्सीजन की रिपोर्ट

- ऑक्सीजन खत्म होने से पहले ही वॉट्सएप ग्रुप पर जिला प्रशासन को देना है सूचना

GORAKHPUR: कोरोना के लगातार बढ़ रहे केसेज के बीच ऑक्सीजन की मार झेल रहे कोविड पेशेंट्स के जान बचाने के लिए जिला प्रशासन हर संभव प्रयास में जुटा हुआ है। डीएम के विजयेंद्र पांडियन के निर्देश पर तीन मजिस्ट्रेट व एसडीएम सदर को मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है। यह सभी कोविड प्राइवेट हॉस्पिटल में उपलब्ध ऑक्सीजन सप्लाई और कमी होने की रिपोर्ट हर दो घंटे में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन से ले रहे हैं। जहां, जिसे जैसी जरूरत है, वहां उपलब्धता के आधार पर तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है।

पहले से बढ़ गई है ऑक्सीजन की डिमांड

- कोविड के गंभीर मरीजों के ऑक्सीजन सप्लाई के लिए जिले में तीन फैक्ट्रियां प्रतिदिन 2600 ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन कर रही हैं।

- वहीं डिमांड को देखते हुए एक सप्ताह के भीतर एक और फैक्ट्री शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

- यहां प्रतिदिन एक हजार ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन होगा।

- जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक, कोरोना के लगातार केसेज बढ़ रहे हैं जिसमें सबसे ज्यादा ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है।

- ऐसे में जिले में कोरोना संक्त्रमितों को बेहतर इलाज मिल सरे, इसकेलिए मोदी केमिकल्स के दोनों प्लांट मिलकर 1600,

- जबकि आरके ऑक्सीजन में रोजाना 1000 सिलिंडर तैयार हो रहे हैं।

- प्रतिदिन कोविड के लिए बनाए गए हॉस्पिटल में इसकी रोजाना की खपत 2200 है।

- एक महीने के भीतर दोगुनी खपत को देखते हुए डीएम ने 2015 से बंद पड़ी अन्नपूर्णा गैस को भी उत्पादन करने का निर्देश दिए हैं।

- यहां 1000 ऑक्सीजन सिलिंडर का उत्पादन करेगी।

इलाज करवा पाना होगा मुश्किल

वहीं गीडा के मोदी केमिकल्स के प्रवीण मोदी ने बताया कि पिछले एक महीने के भीतर ऑक्सीजन की खपत लगभग दोगुनी हो गई है। मार्च तक ऑक्सीजन सिलिंडर की खपत 1200 से 1400 तक थी। वहीं, अप्रैल में इसकी डिमांड बढ़कर 2200 प्रतिदिन हो गई है। ट्रांसपोर्टनगर स्थित नवजीवन हॉस्पिटल के ऑनर विकास राय ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी से हम लोग जूझ रहे हैं, लेकिन किसी तरह से ऑक्सीजन गीडा प्लांट से आ रहे हैं, जो सीरियस पेशेंट्स हैं, उन सभी को ऑक्सीजन की जरूरत है, अगर आने वाले दिनों में इसी तरह की समस्या बनी रही तो इलाज कर पाना मुश्किल होगा, कमोबेश खोवा मंडी में स्थित शिवा हॉस्पिटल में यही प्रॉब्लम है। मेडिवर डिजिटल हॉस्पिटल के सह संस्थापक रामेश्वर मिश्रा बताते हैं कि ऑक्सीजन प्रॉपर नहीं मिलने के कारण दिक्कत बढ़ गई है।

घर में न रखें सिलेंडर

- कमिश्नर जंयत नार्लिकर ने दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के माध्यम से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति ऑक्सीजन सिलेंडर को घर में अपने मरीज के लिए न ले जाएं।

- चिकित्सक के परार्मश पर ही वह मरीज को ऑक्सीजन दें, सिलेंडर जब रहेगा तभी ऑक्सीजन भी हम हॉस्पिटल तक पहुंचाने में सक्षम होंगे।

- अगर कोई भी व्यक्ति घर में सिलेंडर रखे पाया जाता है, या शिकायत आती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

- कमिश्नर ने बताया कि कुछ लोग फैक्ट्रियों पर जाकर घरों में रखने के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर ले रहे हैं।

- इमरजेंसी में पेशेंट को ऑक्सीजन मिल सके, इसके लिए ऑक्सीजन की कालाबजारी पर रोक लगाने के लिए डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट को नामित किया है।

ऑक्सीजन की कमी न होने दी जाएगी। इसके लिए हम लोग 3 फैक्ट्रियों में मांग से ज्यादा उत्पादन करवाया जा रहा है। एक हफ्ते के भीतर चौथी यूनिट भी शुरू हो जाएगी। जहां से प्रतिदिन 1000 ऑक्सीजन सिलेंडर तैयार हो सकेगी। लोगों को राहत मिलेगी।

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम