- 300 बेड कोविड वार्ड में एडमिशन शुरू, नए मरीजों का किया गया एडमिट

- बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में एडमिट मरीजों के इलाज में ज्यादातर गंभीर मरीज स्वस्थ होकर गए घर

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कालेज में हाल ही में बने 300 बेड के नए बाल संस्थान कोविड वार्ड में भी कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज किया जाने लगा है। सोमवार की शाम से अब तक 10 मरीजों को एडमिट भी किया जा चुका है। प्रिंसिपल ने बताया कि अब जो भी मरीज आएंगे। वे नए वाले कोविड वार्ड में ही भर्ती किए जाएंगे। बीआरडी मेडिकल कालेज में डॉक्टर की टीम पिछले छह महीने से प्रिंसिपल की निगरानी में कोविड मरीजों का इलाज कर रही है। नए अस्पताल में आवश्यकतानुसार डॉक्टर्स की तैनाती की जाएगी। अब तक 200 बेड के कोविड अस्पताल में गंभीर मरीजों के इलाज हो रहे थे, लेकिन जब से 500 बेड के सुपर स्पेशिएलिस्ट बाल संस्थान के 300 बेड को कोविड अस्पताल के रूप में तब्दील किया गया है। उसके बाद से कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सोमवार की शाम से एडमिट करने का सिलसिला शुरू हो गया है।

10 गंभीर मरीज हुए एडमिट

डॉ। गणेश ने बताया कि मरीजों के लिए यहां प्रॉपर व्यवस्था की गई है। इस 300 बेड के अस्पताल में सोमवार की देर शाम से ही मरीजों को एडमिट प्रॉसेस शुरू कर दिया गया है। अब तक कोरोना के 10 गंभीर मरीजों को एडमिट किया जा चुका है। वहीं गोरखपुर कमिश्नर ने बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार की जमकर क्लास लेते हुए कहा कि मरीजों को एडमिट करने में बीआरडी मेडिकल कॉलेज लापरवाही कर रहा है। ऐसे में वह अपने व्यवहार में कार्य व्यवहार में तुरंत सुधार करें। ऐसे ही एक मामले में सोमवार को ब्रह्मपुर निवासी ओंकार नाथ दुबे के तबियत खराब होने पर मेडिकल कालेज प्रशासन द्वारा टालमटोल के रवैये पर नाराजगी प्रकट करते हुए उन्हें तत्काल मरीज को मेडिसिन विभाग में एडमिट कराने का निर्देश दिया।

कमिश्नर ने बीआरडी प्रिंसिपल को लगाई फटकार

कमिश्नर जयंत नाìलकर ने बताया कि बीआरडी मेडिकल के 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी बाल संस्थान के 300 बेड को कोविड अस्पताल में मरीजों के इलाज की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस हॉस्पिटल के सभी फ्लोर पर हाईटेक मशीनें लगाई गई हैं। ताकि मरीजों के इलाज में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। कमिश्नर ने बीआरडी प्रिंसिपल को निदेर्शित किया है कि कोविड वार्ड की साफ-सफाई से लेकर प्रत्येक मरीज के इलाज में किसी प्रकार की कहीं कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए।