- पब्लिक में संक्रमण की दहशत, सही जानकारी देने की जिम्मेदारी

- कोविड 19 से मौत पर अंतिम संस्कार के लिए है गाइडलाइन

GORAKHPUR: लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे ड्यूटी पर मौजूद रहकर पब्लिक के लिए भोजन, दवा और राहत सामग्री उपलब्ध कराने वाली पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है। श्मशान घाट और कब्रिस्तान के आसपास रहने वाले लोगों को पुलिस जागरूक करेगी। कोरोना पीडि़त के अंतिम संस्कार के बाद संक्रमण को लेकर फैले डर को दूर किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों के बीच पुलिस का अवेयरनेस कैंपेन जारी है।

पुलिस चलाएगी जागरुकता अभियान

कोरोना के कारण उपजे संकट में किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके अंतिम संस्कार को लेकर काफी प्रॉब्लम आ रही है। खासकर किसी कोरोना पीडि़त की मौत के बाद उसका दाह संस्कार कराए जाने को लेकर पब्लिक परेशान हो जा रही। देश-प्रदेश में कुछ जगहों पर श्मशान घाट और कब्रगाहों के आसपास रहने वाले लोगों के विरोध करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लोगों में डेड बॉडी से इंफेक्शन फैलने का डर समाया हुआ है। ऐसे में अंतिम संस्कार को लेकर कई जगहों पर दो गुटों के आमने-सामने होने के मामले भी सामने आए हैं। इसको देखते हुए डीजीपी हेड क्वार्टर ने एक गाइडलाइन जारी की है। जिससे किसी अन्य तरह की घटना को रोकने में पुलिस कामयाब हो सके। इसको देखते हुए सभी जोनल एडीजी, आईजी, डीआईजी, एसएसपी और एसपी सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है।

यह कदम उठाएगी पुलिस

श्मशान घाटों और कब्रिस्तानों की पूरी डिटेल पुलिस जुटाएगी।

इसके आसपास के मोहल्ले, आबादी में रहने वालों के बारे में जानकारी ली जाएगी।

कोविड 19 से होने वाली मौत के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया से सभी को अवगत कराया जाएगा।

कोरोना का संक्रमण कैसे और किन परिस्थितियों में फैलता है। घर-घर जाकर पुलिस टीम अवगत कराएगी।

मिक्स पॉपुलेशन वाले एरिया में स्पेशल अवेयरनेस कैंप चलाया जाएगा ताकि लोगों के मन से डर दूर हो सके।

श्मशानघाट और कब्रगाह के आसपास रहने लोगों की डिटेल भी पुलिस अपने रिकॉर्ड में मेंटेन करेगी।

यह है गाइडलाइन

कोरोना वायरस से डेथ होने के बाद डेड बॉडी को ज्यादा दूर नहीं ले जाया जाएगा।

वायरस के इंफेक्शन से मौत होने पर आसपास के स्थान पर अंतिम संस्कार कराना होगा।

विशेष मामलों के अतिरिक्त अन्य में पोस्टमार्टम की अनिवार्यता नहीं होगी।

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर्स पीपीई सहित अन्य सुरक्षा मानकों का पूरा पालन करेंगे।

डेड बॉडी से कोई लिक्विड खून, बलगम सहित अन्य चीजें लीक नहीं होनी चाहिए। इसका ध्यान रखा जाएगा।

डेड बॉडी का अंतिम दर्शन तो कर सकते हैं, लेकिन गले लगाने, शरीर को छूने या चूमने पर पूरी पाबंदी।

बॉडी में सुगंधित लेप लगाने, नए कपड़े पहनाने इत्यादि पर भी रोक, बॉडी को छूने की मनाही है।

धार्मिक ग्रंथ पढ़ने, गंगाजल छिड़कने जैसे काम हो सकते हैं क्योंकि इसमें शरीर को छूने की जरूरत नहीं है।

वार्ड से लेकर मोर्चरी और अंतिम संस्कार स्थल तक पूरी सावधानी बरती जाएगी।

डेड बॉडी को पालिस्टिक पैक में पूरी तरह से पैक किया जाएगा।

अंतिम संस्कार में ज्यादा लोगों की भीड़ नहीं होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा।

अंतिम संस्कार के बाद कर्मचारी, रिश्तेदार सभी को हाथों की सफीई करनी होगी।