- उलेमा ने बताई एतिकाफ की अहमियत, महिलाएं घर में रख सकती हैं एतिकाफ

- मुकद्दस रमजान का 18वां रोजा इबादत में बीता

GORAKHPUR: 3 मई की शाम से शहर की तमाम मस्जिदों में एतिकाफ शुरु हो जाएगा। मुकद्दस रमजान के आखिरी अशरा (अंतिम दस दिन) का एतिकाफ (मस्जिद में इबादत के लिए ठहरना) सुन्नते मुअक्कदा अलल किफाया है यानी मोहल्ले की मस्जिद में किसी एक ने कर लिया तो सब की तरफ से अदा हो गया और अगर किसी एक ने भी न किया तो सभी गुनाहगार होंगे। यह बातें चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम हाफिज महमूद रजा कादरी ने बताया कि सोमवार महिलाएं घर में एतिकाफ कर सकती हैं। वह घर का कोई एक हिस्सा निर्धारित कर लें और वहीं एतिकाफ करें। हदीस में है कि एतिकाफ करने वाले को हज व उमरा का सवाब मिलता है।

सोमवार शाम से शुरू होगा एतिकाफ

मगफिरत का अशरा सोमवार की शाम समाप्त होने वाला है। इसके बाद जहन्नम से आजादी का अशरा शुरु होगा। अंतिम अशरा में दस दिनों का एतिकाफ किया जाएगा। जो सोमवार शाम से शुरु होगा। वहीं शबे कद्र की ताक रातों में जागकर इबादत की जायेगी। शनिवार को 18वां रोजा अल्लाह व रसूल-ए-पाक का जिक्र करते हुए बीता। शबे कद्र की ताक रात सोमवार 3 मई (21वीं रात), बुधवार 5 मई (23वीं रात), शुक्रवार 7 मई (25वीं रात), रविवार 9 मई (27वीं रात) व मंगलवार 11 मई (29वीं रात) को पड़ेगी। उक्त रातों की कद्र करते हुए खूब इबादत करनी चाहिए।

घरों में अदा कर रहे हैं

मुकद्दस रमजान की आमद से लेकर अब तक बंदे अल्लाह की रहमत से फैजयाब हो रहे हैं। रहमत व बरकत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत मस्जिदों में सीमित संख्या में लोग नमाज अदा कर रहे हैं। वहीं घरों में कसरत से नमाज पढ़ी जा रही है। कुरआन-ए-पाक की तिलावत जारी है। तरावीह की नमाज पढ़ी जा रही है। कोरोना संक्रमण से मुक्ति की दुआ मांगी जा रही है। गॉर्डन मस्जिद जाहिदाबाद गोरखनाथ में हाफिज मो। आरिफ रजा व फिरदौस जामा मस्जिद जमुनहिया बाग में मौलाना अनवर अहमद तनवीरी ने तरावीह नमाज में एक कुरआन-ए-पाक मुकम्मल किया। मुस्लिम समाज साप्ताहिक लॉकडाउन का पालन मुस्तैदी से कर रहा है। मुस्लिम मोहल्लों में सन्नाटा पसरा हुआ है।