- बच्चे, बुजुर्ग और जवानों के एंटीजन जांच के लिए होंगी सैंपलिंग, जाने जाएंगे वैरिएंट

- दो हजार सिटी और दो हजार रूरल एरिया के लोगों के लिए जाएंगे सैंपल

- 0 से लेकर 18 साल के बच्चे और वैक्सीन लगवा चुके लोग भी हैं शामिल

GORAKHPUR: कोरोना महामारी की संभावित तीसरी लहर से पहले एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) जिले के चार हजार लोगों की इम्युनिटी जांचेगा। इसकी शुरुआत करते हुए एम्स की ओर से सिटी और रूरल एरिया में दो-दो हजार लोगों के सैंपल ले लिए गए हैं। इनमें 0 से लेकर 18 वर्ष के तक बच्चे समेत युवा, अधेड़ और बुजुर्ग शामिल हैं।

बच्चों के भी लिए जाएंगे सैंपल

हेल्थ डिपार्टमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में डेल्टा, डेल्टा प्लस और कप्पा वैरिएंट के मरीज मिल चुके हैं। केरल और महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस ने तबाही भी मचा रखी है। इसे देखते हुए एम्स ने जिले के लोगों की इम्युनिटी जानने का डिसीजन लिया है। इसके तहत चार हजार लोगों के सैंपल लिए गए हैं। यह नमूने अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों से कलेक्ट किए गए हैं। एम्स प्रशासन का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में इम्युनिटी जांच का फैसला इसलिए लिया गया है कि जिससे की आबादी में प्रतिरोधक क्षमता की सही जानकारी मिल सके।

बच्चों की चेक होगी इम्युनिटी

जिम्मेदारों का कहना है कि इसमें बच्चों को भी शामिल किया गया हैं। क्योंकि अब तक बच्चों के लिए कोई भी वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में उनके अंदर इम्युनिटी बनी है या नहीं। यह जानना बेहद जरूरी है। इसके लिए 0 से 18 वर्ष के लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इसमें उनके परिवारों को भी शामिल किया गया है। परिवार के लोगों से यह जानकारी भी ली गई है कि वैक्सीन लगी या नहीं। एम्स निदेशक डॉ। सुरेखा किशोर ने बताया कि इम्युनिटी जांच के लिए सैंपल लिया गया है। जांच के बाद इम्युनिटी की सही जानकारी मिल सकेगी।

नौ महीने में तीन बार लिए जाएंगे सैंपल

एम्स इन लोगों के तीन बार सैंपल कलेक्ट करेगा। इसके लिए नौ माह का समय तय किया गया है। हर तीन माह पर इन लोगों के सैंपल लेकर इम्युनिटी की जांच करेगा। साथ ही यह भी जानेगा कि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई थी, उनके भीतर प्रतिरोक्षक का असर कितना हैं। इसके अलावा उनके शरीर पर कोई दुष्प्रभाव तो नहीं पड़ा है।

जिले में 80.6 प्रतिशत मिल चुके हैं संक्रमित

एम्स ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सीरो सर्वे के तहत 108 बच्चों के सैंपल लेकर जांच कर चुकी हैं। इनमें 87 बच्चों में एंटीबॉडी मिल चुकी है। इसकेअलावा रूरल एरिया में 80.6 फीसदी संक्रमित मिले चुके हैं। इन लोगों के सैंपल एम्स ने गोद लिए गांव डुमरी खास, शिवपुर समेत 25 गांवों से लिए थे। इनमें बच्चों की उम्र पांच से 18 वर्ष के बीच थी। इन बच्चों के ब्लड में एंटीबॉडी की जांच एंटी रैपिड किट से की गई थी। यह किट डब्लूएचओ ने उपलब्ध कराई थी।