- छोटे जलस्त्रोतों के साफ और ठहरे हुए पानी में ही पलता है डेंगू का लार्वा

GORAKHPUR: बारिश के बाद डेंगू के प्रसार की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में तीन दर्जन से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों के लिए सीएमओ ऑफिस के प्रेरणाश्री सभागार में गुरुवार को डेंगू संवेदीकरण प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। सुधाकर पांडेय और संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ। एके गर्ग की उपस्थिति में अपर निदेशक स्वास्थ्य कार्यालय से आए प्रशिक्षक डॉ। वीके श्रीवास्तव ने स्वास्थ्यकर्मियों को डेंगू संबंधित कई प्रमुख जानकारियां दीं और उनकी शंकाओं का समाधान भी किया। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी वेक्टर बॉर्न ने भी स्वास्थ्यकर्मियों को डेंगू के बारे में कई अहम जानकारियां दीं और अपील की कि समुदाय को भी इस मामले में संवेदीकृत किया जाए।

साप्ताहिक तौर पर सफाई है जरूरी

स्वास्थ्यकर्मियों को बताया गया कि डेंगू एक साधारण बीमारी है, लेकिन इलाज में लापरवाही से यह खतरनाक रूप अख्तियार कर लेता है। अगर अचानक बुखार के साथ आंखों के पीछे तेज दर्द हो तो मरीज को डेंगू की जांच अवश्य करानी चाहिए। बुखार की स्थिति में चिकित्सक के सलाह पर ही दवा लेनी है। खून पतला करने वाली दवा का सेवन सिरदर्द होने पर बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि यह उल्टा असर करती हैं और जानलेवा साबित होती है। लोगों को यह बताना है कि डेंगू का लार्वा छोटे जलस्त्रोतों जैसे कूलर, गमला, फ्रीज ट्रे, नाद आदि में साफ पानी के ठहराव से बनता है। ऐसे स्थानों की साप्ताहिक तौर पर सफाई करनी है। स्वास्थ्यकर्मियों को यह भी बताया गया कि लोगों को यह बात समझाएं कि डेंगू का प्रसार दर काफी अधिक है और यही मुख्य चिंता का विषय है। इसलिए डेंगू का लक्षण दिखने पर त्वरित इलाज होना चाहिए।

16 सितंबर से घर-घर होगा भ्रमण

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ। अंगद सिंह ने कहा कि जिले में डेंगू का कोई भी पुष्ट मामला इस वर्ष नहीं है, लेकिन सतर्कता का स्तर अभी से बढ़ाना होगा क्योंकि एक भी मामला निकलते ही तेजी से इसका प्रसार होता है। प्रशिक्षण का विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ। सिद्धेश्वरी सिंह ने बताया कि सात सितम्बर से 16 सितम्बर तक प्रस्तावित आशा कार्यकर्ताओं के घर-घर भ्रमण के दौरान भी डेंगू के प्रमुख संदेश समुदाय तक पहुंचाए जाने चाहिए। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डॉ। संदीप पाटिल, सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे, जिले के अलग-अलग ब्लॉक के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, सभी मलेरिया निरीक्षक, बेसिक हेल्थ वर्कर और हेल्थ सुपरवाइजर प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

यह लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू

- तेज बुखार

- त्वचा पर चकत्ते

- तेज सिर दर्द

- पीठ दर्द

- आंखों में दर्द

- मसूड़ों से खून बहना

- नाक से खून बहना

- जोड़ों में दर्द

- उल्टी

- डायरिया