गोरखपुर (ब्यूरो).सहजनवां निवासी अर्पित गुप्ता (23) की चार बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी भी हो चुकी है। अर्पित ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता ऊषा गुप्ता और पिता रेलवे पीआरएस से रिटायर नरेन्द्र पाल गुप्ता को दिया। अर्पित ने बताया कि आईआईटी रुड़की से बीटेक करके तीन माह तक फाइनेंशियल मार्केट गुडग़ांव में जॉब की। साल 2019 में मैने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।

अर्पित ने सेकेंड अटेंप्ट में निकाला एग्जाम

अर्पित ने बताया कि सहजनवां में रहकर मैंने एग्जाम की तैयारी की। पहली बार यूपीएससी एग्जाम में एक नंबर से मैं कटऑफ लिस्ट से बाहर हो गया था। तब मुझे बहुत दुख हुआ था। अर्पित ने बताया कि मैं अब्दुल कलाम को अपना आइडियल मानता हूं, उनकी लिखीं पक्तियां पढ़कर एक बार फिर तैयारी की और परिणाम आपके सामने है।

एजुकेशन सिस्टम को करेंगे दुरुस्त

अर्पित ने बताया कि मैंने हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई गोरखनाथ मंदिर के पीछे स्थित जीएन नेशनल पब्लिक स्कूल से पूरी की है। उनकी जिस भी जगह पोस्टिंग होगी, वहां सबसे पहले मैं एजुकेशन सिस्टम पर काम करूंगा। उन्होंने बताया कि मैं खासतौर से प्राइमरी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने पर जोर दूंगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा समाज में कास्ट को लेकर भेदभाव हो, उसे दूर करने का प्रयास करूंगा।

गोरखपुर का लेखपाल ने क्वालिफाई किया एग्जाम

गोरखपुर सदर तहसील में तैनात 2016 बैच के लेखपाल केदारनाथ शुक्ला ने भी यूपीएससी एग्जाम क्वालिफाई किया है। केदारनाथ ने यूपीएससी एग्जाम में 456 रैंक हासिल की है। उन्होंने नवोदय विद्यालय पीपीगंज से पढ़ाई कर बैचलर ऑफ आर्ट इग्नू से किया। साल 2016 में लेखपाल का एग्जाम क्वालिफाई कर सदर तहसील में ड्यूटी कर रहे हैं। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने लेखपाल केदारनाथ की इच्छाओं को ध्यान में रखते हुए पूरे 1 वर्ष से उन्हें छुट्टी दे रखी थी, जिससे वे यूपीएससी की तैयारी जारी रखें।

आठ बहनों के भाई हैं केदारनाथ

केदारनाथ शुक्ला किसान ओमकार नाथ शुक्ला, माता कालिंदी देवी के 9 बच्चों में 8 बहनों मीनू, ममता, मीनू, प्रीति, इंदु, बबीता, क्षमा, प्रिया में सबसे छोटे हैं। केदारनाथ शुक्ला ने ग्राम सुगौना थाना हरपुर बुदहट का नाम रोशन कर यूपीएससी में सेलेक्ट होने का श्रेय माता-पिता भाई के अलावा एसडीएम सदर कुलदीप मीना, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित महाजन को दिया है।

यूपीएससी में चमके गोरखपुर के दिव्यांश

सैनिक विहार नंदानगर निवासी व सिविल सेवा परीक्षा में दूसरे प्रयास में 153वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले दिव्यांश शुक्ला कहते हैं कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। जब तक लक्ष्य हासिल न कर लें, तब तक हिम्मत न छोड़ें। केंद्रीय विद्यालय नंबर एक एयरफोर्स में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता सुभाष चंद्र शुक्ला के बेटे दिव्यांश ने पिता की देखरेख में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण की। केवी से ही वर्ष 2014 में प्रथम श्रेणी में इंटर करने के बाद वर्ष 2015 में आईआईटी बीएचयू से (सिविल में बीटेक) किया। शुरू से ही पढऩे में मेधावी रहे दिव्यांश बीटेक करने के बाद सीसीएल झारखंड में सिविल इंजीनियर हो गए। वहीं रहते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की। पहले प्रयास में निराश होने के बाद दूसरे प्रयास में सफल हुए। सफलता का श्रेय माता-पिता को देते हैं।

सांसद रवि किशन ने अर्पित गुप्ता को दी बधाई

सिविल सेवा परीक्षा-2021 के परिणाम सोमवार को घोषित किए गए। जिसमें गोरखपुर के अर्पित गुप्ता ने सफलता प्राप्त की है। उन्होंने इस परीक्षा में 54वीं रैंक हासिल की है। गोरखपुर के सांसद रवि किशन ने उनसे मुलाकात की एंव उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दी। सांसद रवि किशन ने कहा कि पूरे गोरखपुरवासियों की तरफ से मैं अर्पित को ढेरों शुभकामनाएं देता हूं एंव उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। अर्पित ऐसे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो सिविल की तैयारी कर रहे हैं।