- कोरोना पॉजिटिव केस आने पर बेड की शुरू हो गई थी किल्लत
- शासन के आदेश के बाद सीएमओ ने बनाई टीम
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- कोरोना पॉजिटिव केस आने पर बेड की शुरू हो गई थी किल्लत
- शासन के आदेश के बाद सीएमओ ने बनाई टीम
GORAKHPUR:
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यूपी गवनऱ्मेंट की तरफ से होम आईसोलेशन के आदेश के बाद से ही हेल्थ डिपार्टमेंट ने राहत की सांस ली है। हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो 80 प्रतिशत एसिंपटोमेटिक मरीजों का इलाज होम आईसोलेशन करके किया जा सकता है। इससे गंभीर बीमारी वाले मरीजों का एल-2 टाइप के हॉस्पिटल में एडमिट किया जा सकेगा। बेड की क्राइसिस नहीं होगी। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है। ऐसे मरीजों को होम आईसोलेशन करके बेहतर इलाज हो सकता है। इसके लिए टीम निगरानी करेगी और गाइडलाइन के अकार्डिंग होम आईसोलेट किया जाएगा।
इनको किया जाएगा होम आईसोलेशन
-इलाज करने वाले डॉक्टर ने ऐसे व्यक्ति को लक्षणरहित रोगी के रूप में चिह्नित किया हो।
-ऐसे रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटीन करने की सुविधा हो।
-घर में कम से कम दो शौचालय हों।
-एचआईवी, अंग प्रत्योरोपित, कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले कमजोर मरीज होम आईसोलेशन के पात्र नहीं होंगे।
-24 घंटे रोगी देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।
हेल्थ डिपार्टमेंट की निगरानी में होगा इलाज
-होम आइसोलेशन में रखे गए सभी कोविड संक्रमित रोगियों की मानीटरिंग की जाएगी।
-होम आइसोलेशन में रखे गए कोविड संक्रमित रोगियों के स्वास्थ्य की मानीटरिंग फील्ड स्टाफ, सर्विलांस टीम के साथ-साथ एकीकृत कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा किया जाएगा।
-बॉडी टेंप्रेचर, पल्स रेट और आक्सीजन संतृप्तता को रिकार्ड किया जाएगा।
-होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने या अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ने पर रोगी को शिफ्ट करने के बाबत जिला प्रशासन द्वारा तत्काल निर्णय लिया जाएगा।
इसका करना होगा पालन
-सम्पूर्ण आईसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित अस्पताल के बीच सम्पर्क बनाए रखना।
होम आईसोलेशन के लिए प्रमुख अनिवार्यता है।
-देखभाल करने वाले व्यक्ति और रोगी के नजदीकी संपर्क में रहने वाले को प्रोटोकाल और उपचार देने वाले डॉक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी।
-लिंक www.<यूपी गवनऱ्मेंट की तरफ से होम आईसोलेशन के आदेश के बाद से ही हेल्थ डिपार्टमेंट ने राहत की सांस ली है। हेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो 80 प्रतिशत एसिंपटोमेटिक मरीजों का इलाज होम आईसोलेशन करके किया जा सकता है। इससे गंभीर बीमारी वाले मरीजों का एल-ख् टाइप के हॉस्पिटल में एडमिट किया जा सकेगा। बेड की क्राइसिस नहीं होगी। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों की संख्या करीब 80 प्रतिशत है। ऐसे मरीजों को होम आईसोलेशन करके बेहतर इलाज हो सकता है। इसके लिए टीम निगरानी करेगी और गाइडलाइन के अकार्डिंग होम आईसोलेट किया जाएगा।
इनको किया जाएगा होम आईसोलेशन
-इलाज करने वाले डॉक्टर ने ऐसे व्यक्ति को लक्षणरहित रोगी के रूप में चिह्नित किया हो।
-ऐसे रोगी के निवास पर खुद को आइसोलेट करने और परिजनों को क्वारंटीन करने की सुविधा हो।
-घर में कम से कम दो शौचालय हों।
-एचआईवी, अंग प्रत्योरोपित, कैंसर का उपचार प्राप्त करने वाले कमजोर मरीज होम आईसोलेशन के पात्र नहीं होंगे।
-ख्ब् घंटे रोगी देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।
हेल्थ डिपार्टमेंट की निगरानी में होगा इलाज
-होम आइसोलेशन में रखे गए सभी कोविड संक्रमित रोगियों की मानीटरिंग की जाएगी।
-होम आइसोलेशन में रखे गए कोविड संक्रमित रोगियों के स्वास्थ्य की मानीटरिंग फील्ड स्टाफ, सर्विलांस टीम के साथ-साथ एकीकृत कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर द्वारा किया जाएगा।
-बॉडी टेंप्रेचर, पल्स रेट और आक्सीजन संतृप्तता को रिकार्ड किया जाएगा।
-होम आइसोलेशन के प्रोटोकाल का उल्लंघन करने या अस्पताल में इलाज की जरूरत पड़ने पर रोगी को शिफ्ट करने के बाबत जिला प्रशासन द्वारा तत्काल निर्णय लिया जाएगा।
इसका करना होगा पालन
-सम्पूर्ण आईसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति और संबंधित अस्पताल के बीच सम्पर्क बनाए रखना।
होम आईसोलेशन के लिए प्रमुख अनिवार्यता है।
-देखभाल करने वाले व्यक्ति और रोगी के नजदीकी संपर्क में रहने वाले को प्रोटोकाल और उपचार देने वाले डॉक्टर की सलाह के अनुसार हाइड्राक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाइलेक्सिस लेनी होगी।
-लिंक ख्ख्ख्.mygov.in/aarogy.setu.app/ mygov.in/aarogy.setu.app/ पर उपलब्ध आरोग्य सेतु मोबाइल एप को मोबाईल फोन पर डाउनलोड करना होगा।
-इस एप को ब्लू टूथ एवं वाई फाई के जरिये हमेशा सक्रिय रखना होगा।
-स्मार्ट फोन न होने की सूरत में रोगी की ओर से कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर पर अपने स्वास्थ्य की जानकारी देनी होगी।
कब कराना होगा अस्पताल में इलाज
-ऐसे गम्भीर लक्षण विकसित होने लगे तो अस्पताल ले जाना होगा
-सांस लेने में कठिनाई
-शरीर में आक्सीजन की कमी
-सीने में लगातार दर्द या भारीपन
-बोलने में दिक्कत
-चेहरे या किसी अंग में कमजोरी
-होठों या चेहरे पर नीलापन
-होम आइसोलेशन कब खत्म होगा
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगियों का होम-आइसोलेशन कोविड पॉजिटिव होने के दस दिनों के बाद और पिछले तीन दिनों से बुखार न आने की सूरत में समाप्त माना जाएगा।
-इसके बाद अगले सात दिनों तक घर पर ही रह कर अपने स्वास्थ्य की मानीटरिंग करनी होगी। होम आइसोलेशन की समाप्ति पर टेस्टिंग की जरूरत नहीं है।