कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच ईद-उल-अजहा का पर्व शनिवार को अकीदत व सादगी के साथ मनाया जाएगा। शनिवार को शुरू होने वाला कुर्बानी का सिलसिला सोमवार शाम तक चलेगा। बकरीद की लगभग तैयारियां पूरी हो गई हैं। लॉकडाउन के बीच मुसलमान भाइयों ने कुर्बानी के लिए जहां बकरे व भैंस की खरीदारी की है, वहीं इस खुशी के मौके पर सेवईयों का भी इंतजाम किया है। घरों में लजीज व्यंजनों को बनाने लिए तैयारियां रात से शुरू हो गईं। ईदगाहों व मस्जिदों में नमाज की तैयारियां पूरी हो गई हैं। ईदगाह व मस्जिद में गाइडलाइन के मुताबिक केवल पांच-पांच लोग ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करेंगे बाकी अवाम घरों में चार रकात नफ्ल नमाज चाश्त की अदा कर कोरोना वायरस से निजात की दुआ मांगेगे। नमाज के बाद घरों के अंदर ही कुर्बानी की जाएगी।

शुक्रवार को लॉकडाउन के बीच भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चहल पहल रही। किसी ने एक तो किसी ने दो बकरा तो किसी ने भैंस खरीदी। गली मोहल्लों में कुर्बानी के जानवर बिकते दिखे। देर रात तक बकरा व भैंस की खरीदारी होती रही। मोलभाव का भी सिलसिल चला। वहीं, दुकान बंद होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। हालांकि मोहल्ले की दुकानों से खोवा व सूखे मेवे बिके। इस बार लॉकडाउन के कारण कपड़ों के बाजार बंद नजर आए। ईद-उल-अजहा में मेहमान नवाजी जमकर होती है। इस बार कोरोना से बचाव के लिए लगे लॉकडाउन से मेहमान नवाजी नहीं होगी। वहीं लजीज व्यंजनों के लिए तमाम तरह की रोटियां तैयार करने वाले होटल इस बार बंद रहेंगे।