गोरखपुर (ब्यूरो)। गोरखपुर नगर निगम की बात करें तो यहां पर खुद अधिकारियों को भी ये नहीं पता है कि उनके विभाग में रजिस्ट्रेशन होता है। वहीं नगर निगम की लापरवाही कहे या अवेयरनेस की कमी, यहां कोई पेट एनिमल का रजिस्ट्रेशन कराने नहीं आया हैं। जो अवेयर हैं वह पहुंच रहे हैं, लेकिन 2021-22 पूरे फायनेंशियल इयर में महज 18 पेट एनिमल का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

दो रुपए में होता है रजिस्ट्रेशन

नगर निगम की पुरानी बिल्डिंग में अंदर घुसने पर सबसे लास्ट रूम में एनिमल का रजिस्ट्रेशन होता है। सोचने वाली बात ये है कि केवल दो रुपए में पेट एनिमल का रस्ट्रिेशन नगर निगम में होता है। इसके बाद भी कोई यहां पर रस्ट्रिेशन कराने नहीं आता है। नियमानुसार कुत्ता पालने के लिए नगर निगम की अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए नगर निगम में बाकायदा पेट रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद लाइसेंस जारी होता है। ऐसा न करने पर चालान की कार्रवाई होती है।

पैट के रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी हैं यह दस्तावेज

पेट रजिस्ट्रेशन के लिए पैट लवर को एक आईडी प्रूफ, एक एड्रेस प्रूफ, पैट मालिक के दो फोटो और पैट के वैक्सीनेशन का कार्ड लेकर आना होता है। नगर निगम में इसके लिए केवल 2 रुपए निर्धारित है। इसका मेन उद्देश्य पेट की जानकारी इक_ा करना, उनके वैक्सीनेशन की डिटेल जमा करना और किस-किस ब्रीड के पैट गोरखपुर शहर में पल रहे हैं यह डाटा जमा करना है।

ये भी हैं नियम -

कुत्ता मालिक को हर साल रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। इतना ही नहीं यदि कुत्ता किसी को काट लेता है तो मालिक को उस शख्स का इलाज कराना होगा। यदि कुत्ते में रैबीज के लक्षण पाए जाते हैं, तो निगम को सूचित करना होगा। कुत्ते का इलाज भी मालिक के खर्च पर ही होगा। यदि कुत्ते की कोई शिकायत निगम के पास पहुंचती है तो मालिक के खिलाफ नोटिस जारी किया जा सकता है।

2021-22 में हुए रजिस्ट्रेशन- 18

2022-21 में हुए रजिस्ट्रेशन- 01

पेट एनिमल का रजिस्ट्रेशन प्राइस- 2 रुपए

आवारा कुत्तों के खिलाफ हम लोग एक अभियान चलाने वाले हैं। पेट एनिमल के रजिस्ट्रेशन की बहुत जानकारी नहीं है। वैक्सीनेशन का काम पशु चिकित्सा विभाग का है।

- मुकेश रस्तोगी, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी