गोरखपुर (ब्यूरो).पिपराइच क्षेत्र में माह भर पूर्व कुछ लोगों ने एक दंपती को बेरहमी से पीटा। पुलिस ने युवकों से पकड़ कर पूछताछ की तो पता चला कि उन्होंने वाहन ओवरटेङ्क्षकग को लेकर उस पर जानलेवा हमला कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हुआ। ऐसे मामले एक दो नहीं, करीब एक दर्जन हैं। पुलिस भी इसकी वजह धैर्य की कमी बताती है। फिर भी लोग इसके प्रति गंभीर नहीं दिख रहे हैं। पुलिस अधीक्षक उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी का कहना है कि इधर कुछ वर्षों में लोगों में धैर्य की कमी देखी जा रही है। इसके चलते मारपीट व हत्या जैसे भी मामले सामने आ रहे हैं।

छह माह के भीतर की कुछ प्रमुख घटनाएं

25 मई- झंगहा थाने के दीवा गांव में पानी का छींटा गिरने को लेकर बरातियों ने ग्रामवासी संगम यादव की हत्या कर दी। पुलिस ने दूल्हे के पिता समेत 10 व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपित रामायन गुप्ता को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।

9 मई- खाने के विवाद को लेकर तिवारीपुर के आंबेडकरनगर डोमखाना निवासी कल्लू की उसके भतीजे ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी।

19 मार्च- गोरखनाथ थाने के जमुनहिया में गेट खोलने के विवाद को लेकर कुछ व्यक्तियों ने चाचा-भतीजे की हत्या कर दी।

12 नवंबर 2021- शराब पीने से मना करने पर मनबढ़ ने बेलघाट के कुरी बाजार में सुर्ती विक्रेता की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

15 सितंबर 2021- रास्ते के विवाद को लेकर मनबढ़ों ने सहजनवां थाना क्षेत्र के सेमर डाड़ी के प्रधान जनकधारी रंजन की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

बच्चे खेलों से दूर हो रहे हैं। लोग समाज से कट रहे हैं। मोबाइल के चलते लोग एकाकी जीवन जी रहे हैं। इसके चलते मन की भावनाओं को प्रदर्शित करने की सही जगह नहीं मिल रही है। अब व्यक्ति में बचपन से ही धैर्य का विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में व्यक्ति को समाज से, खेल से जुडऩा होगा। खुद में धैर्य को विकसित करना होगा।

-डॉ। अमित शाही, मनोचिकित्सक, जिला अस्पताल