गोरखपुर (ब्यूरो)। मंजिला भवन में तैयार लैबों में जीन मैपिंग से लेकर जीवाणुओं पर रिसर्च और वैक्सीन के क्षमता की जांच हो सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। मनसुख मांडविया को इसकी जानकारी
भी दे दी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री लैब का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों कराना चाहते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि अगले माह प्रधानमंत्री एम्स व खाद कारखाने के साथ ही इसके भवन का लोकार्पण कर सकते हैं.
अब एनआईवी लैब नहीं भेजे जाएंगे सैपल
आरएमआरसी में तैयार लैब बीएसएल (बॉयो सेफ्टी लेवल) टू प्लस की हैं। इन लैबों में एनिमल फैसिलिटी है। चूहे, खरगोश व गीनीपिक जैसे जानवर रखे जाएंगे, जिन पर वैक्सीन का
परीक्षण हो सकेगा। इसके अलावा वैक्सीन की क्षमता व उसके प्रभाव की जांच के लिए अब नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे नहीं भेजे जाएंगे। इन लैबों में
वैक्सीन की क्षमता और जीन मैपिंग जैसी जांचें हो सकेंगी। यह पूरी तरह से मार्डन लैब है.
लैब में होंगी यह रिसर्च
इम्युनोलॉजी- वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता तथा उसके प्रभाव पर रिसर्च होंगे।
मालीक्यूलर बायोलॉजी- इसमें जीनोम सिक्वेंसिंग की जा सकेगी, अभी जीनोम सीक्वेसिंग के लिए सैैंपल दिल्ली और पुणे भेजे जाते हैं।
माइकोलॉजी - फंगल की जांच सहित रिसर्च हो सकेगा।
मेडिकल इंटेमोलॉजी - डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस आदि के वाहक कीटों पर रिसर्च होगा.
नान कम्युनिकेबल डिजीज - मधुमेह व हाइपरटेंशन के कारणों की जांच की जाएगी.
माइक्रोबायोलॉजी - वायरस और बैक्टीरिया पर रिसर्च होंगे.
सोशल विहैवियर स्टडी - मानसिक बीमारियों पर रिसर्च किया जाएगा.
हेल्थ कम्युनिकेशन - बीमारियों की रोकथाम के उपायों के प्रचार-प्रसार का प्रमुख जरिया होगा।
इंटरनेशनल हेल्थ पालिसी- इसके जरिए विश्व स्तर की होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को बताया जाएगा.
आरएमआरसी में जीन मैपिंग से लेकर वैक्सीन की क्षमता, नई बीमारियों पर रिसर्च होगी। एंटीबॉडी से लेकर वायरस की जांच हो सकेगी। लैब का काम पूरा हो गया है। उम्मीद जताई
जा रही है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों लोकार्पण कराएंगे.
डॉ। रजनीकांत, निदेशक, आरएमआरसी, गोरखपुर