-डेकोरेशन करने वाले संचालक की लॉकडाउन में बिजनेस पर असर

-पहले जैसा नहीं हैं बिजनेस, बुकिंग पर भी पड़ रहा असर

<-डेकोरेशन करने वाले संचालक की लॉकडाउन में बिजनेस पर असर

-पहले जैसा नहीं हैं बिजनेस, बुकिंग पर भी पड़ रहा असर

GORAKHPUR:

GORAKHPUR:

शहर में होने वाले शादी-पार्टी आदि इवेंट में डेकोरेशन के लिए बंगाल से भी कारीगर बुलाए जाते हैं। लेकिन लॉकडाउन में बिजनेस बंद होने से वर्कर्स के रोजी रोटी पर भी असर पड़ा है। सभी काम बंद हो गए तो नार्मल सेटअप भी क्लोज हो गए। डेकोरेशन संचालक और वर्कर्स की भी खुशियां गायब हो गई हैं। कोरोना काल में डेकोरेशन इंडस्ट्रीज पूरी तरह से ठप हो गई है। डेकोरेशन कारोबारियों की मानें तो बड़े फंक्शन न होने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है। एक इवेंट में साढ़े तीन करोड़ रुपए की चपत लगी है। वहीं ऑनलाइन के बाद इस इंडस्ट्री के लोगों में दोबारा कारोबार पटरी पर आने की उम्मीद है। विकास कुमार ने बताया कि काम बंद होने जाने की वजह से मूर्ति बेचने का काम शुरू किया है। पहले जैसा डेकोरेशन का काम नहीं रह गया है। कोरोना के चलते बुकिंग पर भी असर पड़ा है। पहले जहां एक इवेंट में ख्भ् से डेढ़ लाख मिलते थे। अब वह ख्भ् से फ्0 हजार रुपए पर आकर लटक गया है।

एक इवेंट में डेढ़ लाख का बजट

गोरखपुर की बात करें तो यहां पूरे साल फ्00 से फ्भ्0 शादियां व पार्टी होती है। इसके लिए बंगाल के डेकोरेशन एक्सपर्ट से सजावट कराई जाती थी। नार्मल दिनों में सिर्फ डेकोरेशन पर भ्0 से एक लाख रुपए खर्च होता था। लेकिन लॉकडाउन के बाद से बिजनेस ठप पड़ गया है। जो पहले के बुकिंग भी हुए थे उन्हें होटल और मैरेज हाल में ट्रांसफर कर दिए गए क्योंकि गाइड लाइन के मुताबिक ओपेन फंक्शन पर रोक लगा दी गई हैं। ऐसे में इस समय सिर्फ छोटे काम ही मिल रहे हैं। जो बुकिंग मिल भी रही है। उसमें भी लोग कटौती कर अपना इस्टीमेट कम बता रहे हैं। वर्तमान में डेकोरेशन का काम क्भ् से ख्0 हजार में हो रहा है। इस पर कोई फायदा नहीं है।

लग्न के सीजन में कपड़ा और लोहे के सामान खरीदारी पर ब्रेक

डेकोरेशन संचालकों की मानें तो बुकिंग से पहले ही बंगाल से कपड़ा और आर्टिफिशियल लोहे की सामाग्री और सजावट के सामन मंगवाए जाते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते सामानों की खरीदारी नहीं हुई। काम करने वाले कांट्रेक्टर को फायदा नहीं हो रहा है इसलिए काम पर इंट्रेस्ट नहीं दिख रहा है। इस समय बड़ा काम किसी भी डेकोरेशन संचालक के पास नहीं है। अनलॉक 0भ् में उम्मीद जगी कि कुछ बचे हुए फंक्शन से कुछ मुनाफा होगा।

कलकत्ता से नहीं आ रहे वर्कर्स

जेके श्रीवास्तव बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से बुरा हाल है। अब तक छह महीने शाप बंद रही है। दस से पंद्रह हजार कमाई होती थी जो बंद हो गई है। इसके अलावा दिल्ली, कलकत्ता आदि बाहर से आने वाले डेकोरेशन वर्कर्स को भी नहीं बुलाया जा रहा है।

नई गाइड लाइन से उम्मीद

डेकोरेशन संचालकों के मुताबिक लॉकडाउन के बाद अनलॉक में नई गाइड लाइन से कुछ हद की उम्मीद जगी है। नवंबर और दिसंबर में होने वाली शादी और पार्टी में लोग छोटा फंक्शन कर रहे हैं। इसमें सजावट के काम भी कम मिल रहे हैं जो मिले भी है वह छोटे हैं। नई गाइड लाइन में सौ से ख्00 मेहमानों की परमिशन मिलने से कारोबार में फिर से बहार लौटने की उम्मीद है। लॉकडाउन में एक सीजन तो जा चुका है। दूसरे सीजन में क्00 लोगों की परमिशन होने से चंद लोगों ने काम कराया है।