- मीटर ठीक होने तक डायरेक्ट लाइन जुड़वाकर चला रहे हैं काम, विभाग मान रहा है बिजली चोर

- कई कंज्यूमर्स ने स्मार्ट मीटर की टीपी जलने के कारण करा लिया बाइपास कनेक्शन

- 58 हजार शहर के कनेक्शनों पर बिजली निगम की ओर से लगाए गए हैं स्मार्ट मीटर

GORAKHPUR: शहर में मीटर की स्मार्टनेस लोगों को चोर बनने को मजबूर कर रही है। लगातार आ रही तकनीकी गड़बडि़यों की वजह से जाने-अनजाने में लोग बिजली जलाने और अंधेरे से बचने के लिए मीटर बाईपास कर बिजली चोरी का गुनाह कर रहे हैं। चेकिंग हो गई, तो वह चोर बन जा रहे हैं, जबकि चेकिंग न होने तक कोई पूछने वाला नहीं है। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि शहर के चार डिवीजनों से जुड़े 20 परिवारों ने स्मार्ट मीटर की टीपी जलने के कारण बिजली गुल होने पर मीटर बाईपास करा लिया। जिससे उन्हें बिजली चोरी के आरोप में जुर्माना भी भरना पड़ा है।

58 हजार घरों में लगे स्मार्ट मीटर

एल एंड टी कंपनी के कॉन्ट्रैक्टर्स ने शहर के चार डिवीजनों में अब तक 58 हजार बिजली कनेक्शनों पर स्मार्ट मीटर इंस्टॉल कर दिए हैं। अब मीटर्स में गड़बड़ी मिलने पर पॉवर कार्पोरेशन ने मीटर लगाने पर रोक लगा दी। इन मीटर्स की जांच कर खामियों को दूर किया जा रहा है। जिन कंज्यूमर्स के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं वहां कंपनी ने अब तक कंज्यूमर्स के तत्कालिक समस्या के निस्तारण के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं किया है। मीटर में खामियों की वजह से बिजली गुल होने पर कंज्यूमर्स को कई-कई दिन बिना बिजली के रहना पड़ रहा है।

बता रहे केबिल में फॉल्ट

एल एंड टी कंपनी के मेंबर्स का कहना है कि मीटर में किसी तरह की तकनीकी खामी नहीं है। कंज्यूमर्स के कनेक्शन पर लगे सर्विस केबल के तार उसके स्वीकृत लोड की क्षमता के मुताबिक नहीं मिल रहे हैं, जिसकी वजह से प्रॉब्लम आ रही है। ऐसे में लोड बढ़ने पर तार जल जा रहे हैं। तारों में शार्ट सर्किट से स्मार्ट मीटर की टीपी जल जा रही है। कंज्यूमर्स को स्वीकृत लोड की क्षमता के मुताबिक ही सर्विस केबल लगाने की जरूरत है। विभिन्न मोहल्लों में से कंप्लेन मिलने पर टीम ने सर्विस केबल चेक कराने के साथ ही मीटर की सील बदलकर कई घरों में सप्लाई बहाल की है।

आ‌र्म्ड केबल की कमी से भी परेशानी

स्मार्ट मीटर की शार्ट सर्किट ही अकेले कंज्यूमर्स के घरों में बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार नहीं है। इन मीटर्स में नियमानुसार आ‌र्म्ड केबल का न लगाया जाना भी एक बड़ी वजह है। चूंकि ये आ‌र्म्ड केबल कंज्यूमर्स की जेब पर भारी पड़ती है, इसलिए कंज्यूमर इसे लगाने से बचते हैं। चार साल पहले जब प्री पेड मीटर लगाने का काम शुरू हुआ तो केबल आ‌र्म्ड केबल ही लगाए जाते थे, लेकिन कुछ दिन बाद कंज्यूमर्स को छूट मिल गई।

मीटर लगाने वाले एंप्लाई अनट्रेंड

गोरखपुर में एलएंडटी ने अलग-अलग फर्मो को अलग-अलग एरियाज में मीटर लगाने की जिम्मेदारी दी थी। बिजली विभाग से जुड़े सोर्सेज की मानें तो इन फर्मो में ऐसे एंप्लाइज भी रख लिए गए हैं, जिन्हें स्मार्ट मीटर लगाने का उचित ट्रेनिंग नहीं दी गई है। साथ ही इन एंप्लाइज के पास आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक की डिग्री भी नहीं है। ऐसे में अनट्रेंड इंप्लाई द्वारा मीटर लगाए जाने के समय प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने से भी प्रॉब्लम आ रही है। यह बिजली मीटर में दर्ज रीडिंग भी नहीं पढ़ पाते हैं।

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कंज्यूमर्स की संख्या- 1.85

शहर में लगाए गए स्मार्ट मीटर- 58

नहीं लगाए गए स्मार्ट मीटर--1.30

स्वीकृत लोड केबल की क्षमता

2 किलोवाट 4-6 एमएम दो कोर

4 किलोवाट 6-10 एमएम दो कोर

5 किलोवाट 10 एमएम फोर कोर वायर

वर्जन

शहर में लगे स्मार्ट मीटर में तकनीकी खामियों की वजह से पावर कार्पोरेशन ने मीटर लगाने पर रोक लगा दी है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है। जांच खत्म होने के बाद जो भी फैसला आएगा। इसके बाद नए सिरे से काम किया जाएगा। स्वीकृत लोड से अधिक क्षमता बिजली जला रहे हैं। जिससे यह प्रॉब्लम आ रही है। जिसे तत्काल ठीक कराया जाता है।

- ई। यूसी वर्मा, एसई शहर