गोरखपुर (ब्यूरो)। आंकड़ों पर नजर डालें तो सर्वाइकल कैंसर से ज्यादा मुंह और गले के कैंसर ने लोगों को अपनी जद में ले रखा है। जिले में मिले कुल मरीजों में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की तादाद 18 परसेंट है, जबकि 24 परसेंट मुंह और गले के कैंसर ने मरीजों को अपना शिकार बनाया है। साल 2023 में करीब 13652 लोगों को इस बीमारी ने अपनी जद में लिया है।

लाइफ स्टाइल में चेंज ला सकता है बदलाव

पूर्वांचल में कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसमें सबसे अधिक मामले मुंह और गले के कैंसर के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर अगर जानकारी हो जाए, तो कैंसर से बचाया जा सकता है। इसके लिए बेहतर खान-पान व जीवन शैली में बदलाव करना होगा, तभी इस बीमारी से बचा जा सकता है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में करीब 13,652 मरीज कैंसर के शिकार हुए।

स्तन कैंसर भी 12.6 परसेंट

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विभाग में आने वाले मरीजों में सबसे अधिक 24 परसेंट मुंह व गले के कैंसर से पीडि़त हैं। इसका मुख्य कारण पान मसाला, गुटका, तंबाकू और सिगरेट हैं। दूसरे नंबर पर बच्चेदानी के मुंह (सर्वाइकल) के कैंसर के मरीज हैं। इनकी संख्या 18 परसेंट हैं। स्तन कैंसर के 12.6 व गाल ब्लैडर के कैंसर के 9.6 परसेंट मामले हैं। अन्य अंगों में कैंसर के मामले चार परसेंट से नीचे हैं। ऐसे में पान मसाला, गुटका, तंबाकू से बचाव बेहद जरूरी है।

इसलिए मनाया जाता है कैंसर दिवस

पहली बार अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने 1933 में जनेवा में यह दिवस मनाया था। इसके बाद से इसी दिन हर साल लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है।

कैंसर से बचाव

-तंबाकू और उससे बने उत्पादों का प्रयोग न करें।

-कम वसा वाला भोजन करें।

-हरी सब्जी, फलों और समूचे अनाजों का प्रयोग अधिक करें।

- नियमित व्यायाम करें व तनाव मुक्त रहें।

कैंसर के लक्षण -

कोई घाव जो ठीक न होना

स्तन या शरीर के किसी हिस्से में गांठ या कड़ापन होना

कोई खरास ठीक न होना

आवाज बैठ जाना या खांसी ठीक ना होना

असामान्य रक्तस्राव या डिस्चार्ज

आंत या मूत्राशय की आदतों में परिवर्तन

खाने के बाद असुविधा महसूस करना

निगलने में कठिनाई

अचानक शरीर का वजन बढऩा और कम होना।

कमजोरी और थकान होना।

त्वचा के नीचे गांठ बनना।

बार-बार बुखार आना।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कैंसर (पेशेंट परसेंट में)

मुंह और गले का कैंसर - 24

सर्वाइकल कैंसर - 18

स्तन कैंसर - 12.6

गाल ब्लाडर कैंसर - 9.6

फेफड़े का कैंसर - 4.5

पेट और आंत का कैंसर - 4.52

गुदा और मलद्वार कैंसर - 2.48

ब्लड कैंसर - 1.96

लिम्फोमा कैंसर - 1.56

लिवर कैंसर - 1.43

बीआरडी मेडिकल कॉलेज कैंसर रोग विभाग की ओपीडी

वर्ष ओपीडी

2009 1001

2010 4545

2011 5525

2012 4948

2013 6804

2014 8184

2015 8790

2016 7996

2017 10,073

2018 13,291

2019 13,300

2020 5000 (कोविड)

2021 10,553 (कोविड)

2022 11,720

2023 13,652

कैंसर के ज्यादातर मामले मुंह और गले के कैंसर के आ रहे हैं। सर्वाइकल कैंसर के पेशेंट्स की तादाद भी बढ़ी है। इसकी बड़ी वजह तंबाकू और उससे बने उत्पाद का सेवन करना है। खान-पान और बदल रही जीवन शैली में अगर बदलाव किया जाए, तो इससे बचा जा सकता है।

डॉ। राकेश रावत, एचओडी कैंसर रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज