गोरखपुर (ब्यूरो).पकड़े गए आरोपियों की पहचान देवरिया के भलुअनी निवासी रामकृपाल यादव और आजमगढ़ के महराजगंज थाना क्षेत्र के अमानी निवासी संदीप यादव के रूप में हुई है। एसपी सिटी कृष्णकुमार बिश्नोई ने रविवार को पुलिस लाइंस में प्रेस वार्ता कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी। एसपी सिटी ने बताया, यह सभी ठेका दिलाने के नाम पर बांसगांव के झुसूना निवासी विनोद यादव को 11 सितंबर को फोन किया। फोन करने वाले ने खुद को द्विवेदी बताया। बोला कि ठेकेदार रमेश श्रीवास्तव और एक अधिकारी ओपी यादव की मदद से ठेका दिला दूंगा।

डेढ़ लाख की कर दी जालसाजी

ट्रैक्टर लगाने के लिए डेढ़ लाख एडवांस देना होगा फिर 70 हजार रुपए प्रतिमाह उसका किराया मिलेगा। फोन पर बात करने के बाद वादी मुकदमे विनोद यादव ने संपर्क किया। खुद को अधिकारी ओपी यादव बताकर मिलने वाले रामकृपाल यादव से ठेकेदार रमेश श्रीवास्तव बनकर मिलने वाले संदीप यादव ने मिलकर साजिश रची। फरार राजेंद्र पासवान ने द्विवेदी बनकर फोन किया था। सभी ने मिलकर डेढ़ लाख रुपए की जालसाजी कर ली थी। जालसाजी की जानकारी होने के बाद पीडि़त ने केस दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर कैंट शशिभूषण राय ने अपने टीम के साथ दो आरोपियों को शारदा होटल के पास से रविवार को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिटी ने बताया कि तीनों ने पुलिस से बचने के लिए अपना नाम बदल लिया था। बदले हुए नाम से ही घटना को अंजाम दिए थे।