-कार्बाइड व केमिकल से पकाए गए आमों से पटा पड़ा थोक फल मंडी

-मंडी के पास ही खुलेआम कार्बाइड की धड़ल्ले से हो रही बिक्री

GORAKHPUR: आइए हम आपको ले चलते हैं पूर्वाचल की सबसे बड़ी मंडी महेवा। इस समय यहां आम की मंडी सजी है। सुबह से शाम तक करीब 30 से 40 टन माल यहां डेली आ रहा है। वर्तमान में कपूरी, लंगड़ा, दशहरी आदि आमों की खपत बढ़ गई है। मगर इन आमों के पीछे कुछ राज भी छिपे हैं जो कि आप की सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। वजह यह है कि इन आमों को कार्बाइड से पकाया जा रहा है। हैरान करने वाली बात है कि कार्बाइड और केमिकल पर बैन होने के बावजूद खुलेआम इनका इस्तेमाल किया जा रहा है तथा ये आसानी से बाजार में भी उपलब्ध है। तहकीकात कर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इसकी हकीकत जानी।

सचिव कार्यालय के ठीक बगल की दुकान पर बिक रहा कार्बाइड

मंडी सचिव कार्यालय के ठीक बगल में किराने की दुकान में खुलेआम कार्बाइड की बिक्री हो रही है। किराने की दुकान पर आम के सौदागर एक पॉलीथिन में कार्बाइड और केमिकल खरीद रहे हैं। हालांकि सुबह कुछ ज्यादा ही भीड़ रहती है। इसके बाद मामला कुछ ठंडा हो जाता है। वैसे आपने यह जरूर सुना होगा कि आम खाने से तबीयत बिगड़ गई। लेकिन आम खाने से होने वाली बीमारियां अक्सर इसे पकाने के गलत तरीके से भी होती है।

थोक फल मंडी में भी यहीं हाल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम जब नवीन थोक फल मंडी में पहुंची तो यहां भी ऐसा ही नजारा दिखा। बड़े-बड़े गोदामों में आम की पेटियों में कार्बाइड रखा जा रहा है। बड़े के अलावा छोटे कारोबारी भी इस खेल मे शामिल है। जब इस संबंध में एक कारोबारी से बातचीत की गई तो उसने बताया कि मंडी की आसपास दुकानों में आसानी से कार्बाइड मिल जाता है। इस बार लॉकडाउन की वजह से आम के कारोबार पर असर पड़ा है। समय पर उठान न होने की वजह से आम के बगीचे में ही हजारों टन आम की फसल बर्बाद हो गई है। यहीं वजह है कि इस बार कार्बाइड का इस्तेमाल ज्यादा किया जा रहा है।

इस तरह से जहर की पुडि़या का यूज

दुकानदार ने बताया कि इस पुडि़या की खासियत यह है कि इसके प्रयोग से एक ही दिन में कच्चा आम पककर तैयार हो जाता है। इसके लिए पुडि़यां को फाड़ना नहीं है। केवल इसे एक कप पानी में भींगोकर आम के कैरेट के नीचे रख दें। इसके बाद इससे निकलने वाले गैस से सारे आम गर्म होकर अगले ही दिन खाने लायक हो जाते हैं।

क्या है कैल्शियम कार्बाइड

कैल्शियम कार्बाइट वह पदार्थ जिसकी मदद से आम को जबरियन पकाया जाता है। पत्थर सा दिखने वाला यह पदार्थ नमी के साथ प्रतिक्रिया करके एथिलीन जैसी गैसें बनाता है। जिससे फल जल्दी पक जाते हैं। जिस कैल्शियम कार्बाइड से आमों को पकाया जा रहा है, वह सेहत के लिए घातक है।

कैसे पकाया जाता है आम

कैल्शियम कार्बाइड की छोटी-छोटी पुडि़या मंडियों में मिल जाती है। उन्हें आम की पेटी में रखकर ढक देते हैं। और अगले दिन ही तैयार कर देते हैं।

सेहत के लिए हानिकारक

जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया कि नेचुरल फल की अलग ही बात होती है। कार्बाइड यूज किया हुआ आम खाने से पेट दर्द, दस्त की शिकायत होती है। साथ ही ज्यादा दिन तक कार्बाइड वाले फल का यूज करने पर आंत में सूजन भी आ जाती है।

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रिपोर्ट- काबाईड का प्रयोग कैसे होता है

दुकानदारी- एक पैकेट में 100 पुडि़या आता है।

रिपोर्ट- कितने का एक पैकेट पड़ेगा।

दुकानदार- एक पैकेट की कीमत 250 रुपए है।

रिपोर्ट- इस पुडि़यां से आम कैसे पकाया जाता है।

-पहले पेपर लगाकर पुडि़यां को उसके नीचे रख दिया जाता है। इसके बाद आम को पूरी तरह से पैक करें, जिससे उसके अंदर हवा न जाए।

रिपोर्ट- आम कितने दिन में तैयार हो जाएगा।

दुकानदार- चार दिन के अंदर आम खाने योग्य हो जाएगा।

रिपोर्ट- कितने केजी आम में कितना पुडि़या पड़ेगा।

दुकानदार- एक कैरेट आम में दो से तीन पुडि़या डाला जाता है।

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केमिकल की कीमत

एक पैकेट कार्बाइड की कीमत- 250 रुपए

एक पैकेट में पुडि़या होती है--100

मंडी में डेली आवक --30-40 टन

24 किलो आम पकाने में पुडि़या का यूज--03

वर्जन

आम पकाने में केमिकल और कार्बाइड का यूज सेहत के लिए खतरनाक है। इसके इस्तेमाल से पेट संबंधित बीमारियां ज्यादा होती है। इसलिए ऐसे आम खाने से बचे।

डॉ। वीके सुमन, वरिष्ठ फिजिशियन