-हाईस्कूल के एक-एक स्टूडेंट के नम्बर का होगा वेरिफिकेशन

- पकड़ में आ जाएंगे फर्जी मार्कशीट और सार्टिफिकेट लगाने वाले स्टूडेंट

- 21 जून तक स्कूलों को कर लेने हैं सारे काम

GORAKHPUR: फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर 11वीं में नामांकन लेने वाले स्टूडेंट आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। सीबीएसई द्वारा जारी किए गए पोर्टल के जरिए हर स्कूल के हर एक स्टूडेंट के दसवीं के मॉ‌र्क्स को चेक किया जाएगा। अगर स्टूडेंट दूसरे बोर्ड से हैं तो संबंधित बोर्ड से संपर्क किया जाएगा। इस चेकिंग से फ्लाइंग स्टूडेंट के साथ फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट पर 11वीं में नामांकन लेने वाले स्टूडेंट भी पकड़ में आ जाएंगे। अगर किसी स्कूल में फर्जी तरीके से नामांकन का मामला सामने आएगा तो ऐसे स्कूल्स पर बोर्ड कार्रवाई भी करेगा।

रोल नंबर डालने से निकल जाएगी मार्कशीट

सीबीएसई के दसवीं के स्टूडेंट का केवल रोल नंबर मांगा गया है। रोल नंबर डालने मात्र से स्टूडेंट का डिजिटल मार्कशीट निकल जाएगी। वहीं अन्य बोर्ड के स्टूडेंट्स की मार्कशीट स्कूल को अपने पास रखना है। बोर्ड द्वारा इसका वेरिफिकेशन किया जाएगा। स्कूलों को यह काम 21 जून तक कर लेना है।

डिटेल जुटा रहे स्कूल

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 12वीं रिजल्ट फॉर्मूला में दसवीं का 30 फीसदी वेटेज है। हर छात्र के दसवीं रिजल्ट का 30 फीसदी अंक लेना है। ये 30 फीसदी अंक थ्योरी के होंगे। ऐसे में जो स्टूडेंट यूपी बोर्ड, आईसीएसई से दसवीं पास कर सीबीएसई बोर्ड से 11वीं में नामांकित हैं, उनके थ्योरी के नम्बर निकालने में स्कूल के पसीने छूट रहे हैं। स्कूलों की मानें तो अन्य बोर्ड के स्टूडेंट के मार्कशीट पर थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों विषय मिलाकर नम्बर रहते हैं। ऐसे में थ्योरी का नम्बर कैसे निकाला जाएगा। सीबीएसई बोर्ड से दसवीं करने वाले सभी स्टूडेंट का प्रैक्टिकल और थ्योरी का नम्बर बोर्ड द्वारा स्कूलों को भेजा जाएगा। 21 जून तक सभी स्कूलों को उनके दसवीं के प्रैक्टिकल और थ्योरी के नम्बर भेज दिए जाएंगे।

पिछले साल की तरह मिलेगा मैथ्स में नम्बर

- सीबीएसई ने मैथ्स में टीचर्स की उहापोह की स्थिति को समाप्त कर दिया है।

- उन्होंने पिछले साल की तरह ही स्टैंडर्ड मैथ्स के मुताबिक गणित में नम्बर देने का निर्देश दिया है।

- वर्ष- 2020 में सीबीएसई ने दसवीं के स्टूडेंट को स्टैंडर्ड और बेसिक मैथ्स में से एक का विकल्प चुनने का मौका दिया था।

- दसवीं के रिजल्ट में बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ्स को मिलाकर औसत अंक निकालना है।

- लेकिन अगर किसी स्कूल के पास तीन साल का ऑप्शन नहीं है तो वे 2020 के फार्मूले के अनुसार ही नम्बर तैयार कर सकते हैं।

- बोर्ड द्वारा दस बिंदुओं का प्रश्नोत्तर बनाकर स्कूलों को भेजा गया है।

- इसमें उन दिक्कतों का जवाब बोर्ड ने दिया है, जिसके कारण तमाम स्कूलों को मैथ्स का रिजल्ट तैयार करने में परेशानी हो रही थी।

सीबीएसई स्कूल- 117

हाई स्कूल में स्टूडेंट- 15000

इंटर में स्टूडेंट- 12000

वर्जन-

समय से रिजल्ट जारी हो इसके लिए सारा डिटेल भी टाइम पर भेजना है। स्कूल में स्टूडेंट से जुड़े हाई स्कूल और इंटर के डिटेल जो बोर्ड ने मांगा है उसे समय से सभी स्कूल भेज देंगे। बोर्ड की वेबसाइट भी इसके लिए खोल दी गई है।

- अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन