गोरखपुर (ब्यूरो)।स्कूल में वाईफाई से लगाए डिजिटल बुनियाद को मजबूत करना होगा। निर्देश के बाद जिन स्कूलों में इसकी कमी पाई जाएगी, उनके खिलाफ सीबीएसई कार्रवाई कर सकता है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर ये निर्देश गोरखपुर के 125 स्कूलों को शुक्रवार को भेज दिए गए हैं।

मिल रही थी कंप्लेन

सूत्रों की मानें तो कई स्कूल प्रैक्टिकल के नंबर से लगाए स्टूडेंट्स के अन्य डॉक्यूमेंट जिन्हें ऑनलाइन बोर्ड की वेबसाइड पर अपलोड करना होता है। उसे अपलोड नहीं कर पा रहे थे। वे बोर्ड को कभी कम्प्यूटर तो कभी वाई-फाई की फैसिलिटी नहीं अवेलबल होने का हवाला देकर बच जाते थे। जिसको देखते हुए बोर्ड ने ऐसा निर्देश जारी किया है। जिसके बाद बिजली, नेटवर्क और वाई-फाई का रोना स्कूल नहीं रो पाएंगे।

18 बच्चों पर एक कंप्यूटर अनिवार्य

सीबीएसई के निर्देशानुसार हर स्कूलों में 18 बच्चों पर एक कंप्यूटर अनिवार्य रूप से होना चाहिए। स्कूल में कंप्यूटर का अलग रूम होना चाहिए। जिसमे कंप्यूटर और नेटवर्क से जुड़ी सारी फैसिलिटी अवेलबल होनी चाहिए। 40 कंप्यूटर के साथ स्कूल में एक अलग लैब होनी चाहिए। इसके अलावा प्रिंटर और स्कैनर कंप्यूटर लैब में अनिवार्य रूप से होने चाहिए।

सीबीएसई: अफवाह फैलाने पर दर्ज होगी एफआईआर

सीबीएसई बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं। बोर्ड ने इस बीच 22 मार्च को एक सर्कुलर जारी कर पेरेंट्स और स्टूडेंट को अफवाह से बचने को कहा है। बोर्ड ने बताया कि 5 मार्च को बोर्ड एग्जाम खत्म हो रहे हैं। एग्जाम के बीच-बीच में पेपर लीक होने की अफवाहों से काफी परेशानी आई। इसी तरह आगे भी फेक न्यूज आ सकती है। जिनसे बचने की सलाह पेरेंट्स और स्टूडेंट को दी है। साथ ही सख्त हिदायत देते हुए ये भी कहा है कि किसी भी स्टूडेंट द्वारा फेक न्यूज फैलाई गई तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

फैक्ट एंड फीगर

सीबीएसई स्कूल- 125

हाईस्कूल स्टूडेंट- 15,000

इंटर स्टूडेंट- 12,000

सीबीएसई ने निर्देश जारी किया है। अधिकतर स्कूल कंप्यूटर और वाई-फाई सुविधा से लैस हैं, जिन स्कूलों में कंप्यूटर लैब नहीं है। वहां बोर्ड के निर्देश का पालन करते हुए जल्द सारी सुविधाएं मुहैया करानी होंगी।

अजय शाही, अध्यक्ष, स्कूल एसोसिएशन गोरखपुर