गोरखपुर (ब्यूरो).माना जाता है कि साइबर क्राइम के ज्यादातर मामले जानकारी के अभाव में होते हैं.सभी संस्थाएं ओटीपी किसी से शेयर न करने, किसी को भी बैंक डिटेल न बताने और लालच देने वाले लिंक पर क्लिक न करने जैसी बातें कंज्यूमर को बताती रहती हैं लेकिन फिर भी जाने अनजाने ऐसी गलती करने से नुकसान उठाना पड़ता है।

स्कूल बच्चों को ऐसे करें जागरूक

बोर्ड द्वारा स्कूलों के हेड्स को भेजे गए सर्कुलर में बताया गया है कि किस तरह साइबर हाइजीन पर कार्य कर बच्चों और इनके माध्यम से पैरेंट्स में जागरुकता बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए हर मंथ के पहले बुधवार को स्कूलों में अवेयरनेस कंपेन चलाई जाएगी। स्कूलों में वर्कशॉप, सेमिनार, संवाद, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन, लघु कहानियों आदि के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा सकती है।

अब तक क्या किए प्रयास

बोर्ड के अनुसार गृह मंत्रालय ने इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर बनाया है। जिसे आईफोरसी के नाम से भी जाना जाता है। इसके माध्यम से समन्वय स्थापित कर मामलों का निपटारा किया जाता है। इसी तरह नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल भी बनाया गया है। जहां देश के किसी भी कोने से कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इनके बारे में भी जानकारियां दी जा सकती है।

सभी स्कूलों को इसकी शुरुआत करनी चाहिए। ताकि बच्चे साइबर सुरक्षा के महत्व को समझ सकें। वर्तमान समय में साइबर क्राइम और बढ़ेंगे इसको देखते हुए बच्चों को अवेयर करने के लिए बोर्ड द्वारा अच्छा? डिसिजन लिया गया है।

अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन

कोरोना के बाद से छोटे-छोटे बच्चे भी मोबाइल यूज कर रहे हैं। उस पर लुभावने आफर देख बच्चे आसानी से जालसाज के जाल में फंस जाते हैं। इसलिए एक दिन साइबर क्राइम की क्लास चलाना बहुत जरूरी और बोर्ड का अच्छा डिसिजन है।

राजीव गुप्ता, स्टेपिंग स्टोन इंटर कॉलेज